केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने लिखा पत्र, गोदामों में पड़ा फालतू अनाज करें दूसरे देशों को दान

Edited By Sunita sarangal,Updated: 17 Oct, 2019 10:16 AM

donate surplus grain in warehouses to other countries

केन्द्रीय खाद्य व आपूर्ति मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर मांग की है कि देश के गोदामों में पड़ा फालतू अनाज अन्य देशों को दान कर दिया जाए

जालंधर(खुराना): केन्द्रीय खाद्य व आपूर्ति मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर मांग की है कि देश के गोदामों में पड़ा फालतू अनाज अन्य देशों को दान कर दिया जाए ताकि भारत के गोदामों में नए अनाज के भंडारण हेतु जगह उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि इस साल 1 जुलाई को सैंट्रल पूल में अनाज की कुल जरूरत 411.20 लाख टन थी परंतु 1 सितम्बर को सैंट्रल पूल में अनाज का कुल भंडारण 669.15 लाख टन था। इसमें 254.25 लाख टन चावल और 414 लाख टन गेहूं था। यहां यह उल्लेखनीय है कि देश में अनाज का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। इस साल देश के ज्यादातर राज्यों में अच्छी बारिश होने के कारण धान का उत्पादन रिकार्ड तोड़ होने की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। सरकार की अनाज खरीद भी लगातार बढ़ रही है और एफ.सी.आई. के अतिरिक्त भंडार में लगातार वृद्धि हो रही है। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी भारत दूसरे देशों को अपना फालतू अनाज दान करता रहा है। उदाहरण स्वरूप 2011-12, 2013-14 तथा 2017-18 में भारत ने 3.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान को दान कर दिया था। वर्ष 2012-13 में मानवीय सहायता के नाते भारत सरकार ने 2.447 मीट्रिक टन अनाज यमन को भेजा था। इसके अलावा श्रीलंका, नामीबिया, लेसोथो तथा म्यांमार को भी भारत चावल भेज चुका है।

पंजाब की बात करें तो इस साल राज्य में 170 लाख टन धान उत्पादन की सम्भावना है। जिससे 114 लाख टन चावल निकलेगा। दूसरी ओर एफ.सी.आई. के पास चावल भंडारण की कुल 110 लाख टन क्षमता है परंतु सरकारी गोदामों में 92 लाख टन चावल पहले ही स्टोर पड़ा है। ऐसे में केवल 18 लाख टन चावल स्टोर करने की और क्षमता बचती है, जबकि मिलर्स 114 लाख टन चावल निकाल कर एफ.सी.आई. को मार्च तक डिलीवर करने को बाध्य हैं। ऐसे में पंजाब राइस मिलर्स वैल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान राकेश जैन ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु से अपील की है कि वे अनाज भंडारण क्षमता का मामला प्रधानमंत्री मोदी तथा केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवन समक्ष उठाएं वर्ना पंजाब का शैलर उद्योग और किसान काफी हद तक प्रभावित होगा तथा राज्य की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा जाएगी।

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