नई सड़कों हेतु 30 करोड़ रुपए के टैंडर लगाने जा रहा है निगम

Edited By Sunita sarangal,Updated: 22 Sep, 2019 09:24 AM

corporation to set up 30 crore rupees for new roads

इस समय शहर की तमाम छोटी-बड़ी सड़कें बुरी तरह से टूटी हुई हैं, जिस कारण न केवल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, बल्कि आम जनता काफी परेशान हो रही है।

जालंधर(खुराना): इस समय शहर की तमाम छोटी-बड़ी सड़कें बुरी तरह से टूटी हुई हैं, जिस कारण न केवल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, बल्कि आम जनता काफी परेशान हो रही है। टूटी सड़कों को लेकर सोशल मीडिया पर न केवल नगर निगम बल्कि पंजाब और निगम पर काबिज कांग्रेस का भी खूब मजाक उड़ाया जा रहा है। अब जालंधर नगर निगम ने शहर की टूटी सड़कों को नया बनाने हेतु 30 करोड़ रुपए के भारी-भरकम टैंडर लगाने का फैसला किया है जिसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए टैंडरों के कारण निगम के ठेकेदारों में भी नई आस जगी है, परंतु ठेकेदारों का कहना है कि निगम में कोई भी पक्ष यह बताने को राजी नहीं है कि इतने पैसे आएंगे कहां से और ठेकेदारों को भुगतान कहां से होगा। 

गौरतलब है कि नगर निगम के ठेकेदार पहले ही पेमैंट को लेकर निगम प्रशासन से नाराज चल रहे हैं और पिछले समय दौरान तो ठेकेदारों ने विकास कार्यों की बायकाट तक कर दिया था। अब ठेकेदार नए टैंडरों को हाथ डालते हैं या नहीं यह तो समय ही बताएगा परंतु इतना अवश्य है कि अगर निगम प्रशासन ने पैसों का इंतजाम किए बिना नए टैंडर लगाए तो निगम को यह टैंडर कई बार री-कॉल करने पड़ सकते हैं।

चंडीगढ़ से नहीं आ रही कोई ग्रांट 
अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान विकास कार्यों के लिए नगर निगम को चंडीगढ़ यानी पंजाब सरकार से काफी ग्रांट मिलीं, परंतु जब से पंजाब और निगम की सत्ता पर कांग्रेस काबिज हुई है, तब से निगम को ग्रांट के लिए तरसना पड़ रहा है। अकाली-भाजपा के विधायक हर सप्ताह मुख्यमंत्री बादल के पास जाकर 1-2 करोड़ रुपए की ग्रांट ले आया करते थे जिससे छोटी-छोटी सड़कों-गलियों का निर्माण चलता रहता था, परंतु कांग्रेस पार्टी में यह सिलसिला सम्भव नहीं है क्योंकि बादल और कैप्टन अमरेन्द्र की कार्यप्रणाली में काफी फर्क है। निगम सूत्रों का मानना है कि अगर निगम ने 30 करोड़ रुपए की सड़कों के नए टैंडर लगाने हैं तो उसे तत्काल रूप से 10-15 करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा जिसे देखकर ही ठेकेदार टैंडर भरेंगे वर्ना नहीं। 

मेयर व कमिश्नर ने देखे थे मौके 
टूटी सड़कों के नए लग रहे टैंडरों की बात करें तो इन सड़कों के नए एस्टीमेट बनवाने के लिए मेयर जगदीश राजा तथा कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने करीब एक माह पहले पूरे शहर का दौरा किया था और हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर टूटी सड़कों का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को एस्टीमेट बनाने हेतु कहा था जिसके बाद अब टैंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब सर्दियां शुरू होने से पहले निगम कितनी सड़कें बनवा पाता है और फंड का इंतजाम कैसे होता है, यह देखने वाली बात होगी।

सालों से लटकी कूल रोड का निर्माण शुरू 
शहर की कई पॉश कालोनियों तथा इन दिनों विकसित हो रहे 66 फुट रोड क्षेत्र को सीधी जाती कूल रोड अकाली-भाजपा सरकार दौरान भी मुद्दा बनी रही थी। तब उस सरकार ने इस रोड को नया बनाकर काफी क्रैडिट लिया था परंतु कांग्रेस सरकार के आते-आते यह सड़क फिर टूट गई थी। पिछले 2 सालों से कांग्रेसी नेता इस सड़क को नई सिरे से बनाने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु कोई न कोई अड़चन आ जाने के कारण कूल रोड कभी भी पूरी नहीं बन सकी। अब निगम ने कूल रोड के मामले में हो रही फजीहत को देखते हुए सड़क के बाकी हिस्से का निर्माण शुरू करवा दिया है। अब देखना है कि निगम से कूल रोड की समस्या पूरी तरह कब खत्म होती है।

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