Edited By Vatika,Updated: 19 Oct, 2019 12:20 PM
क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भागसर जहां 6 हजार एकड़ से अधिक जमीन में धान बीजा गया था, के किसानों ने सर्वसम्मति से हाथ खड़े करके फैसला किया कि 19 अक्तूबर सुबह 10.30 बजे से किसान धान की पराली को आग लगानी शुरू करेंगे।
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भागसर जहां 6 हजार एकड़ से अधिक जमीन में धान बीजा गया था, के किसानों ने सर्वसम्मति से हाथ खड़े करके फैसला किया कि 19 अक्तूबर सुबह 10.30 बजे से किसान धान की पराली को आग लगानी शुरू करेंगे।
आज सुबह गांव की बामू पत्ती धर्मशाला में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप के सीनियर नेता गुरांदित्ता सिंह भागसर व कामरेड जगदेव सिंह की अध्यक्षता में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए। किसानों ने कहा कि वे पंजाब सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों की धमकी से नहीं डरते तथा धान की पराली को आग लगाएंगे। उनका कहना था कि अनाज पैदा करने वाले किसानों को सरकार ने शाबाशी तो क्या देनी है, बल्कि उलटा उन पर पुलिस थानों में पर्चे दर्ज करवाने की धमकी दी जा रही है। इस अवसर पर किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
किसानों की मांग
एकत्रित हुए किसानों की सरकार से मांग थी कि गांव की सहकारी सभाओं में मशीनरी भेजी जाए, जिससे पराली को काटकर खेत में बिखेरा जा सके या 200 रुपए बोनस दिया जाए ताकि किसान इसका स्वयं प्रबंध कर सकें। किसानों ने यह भी कहा कि धान की पराली फैंकने के लिए सरकार जगह निश्चित करे। फिर वे पराली को आग नहीं लगाएंगे।
क्या प्रदूषण सिर्फ पराली जलाने से ही फैलता है
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि क्या प्रदूषण किसानों द्वारा धान की पराली को आग लगाने से ही फैलता है। जब दशहरा मौके रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों को जगह-जगह शहर में आग लगाई जाती है, क्या तब प्रदूषण नहीं फैलता? पटाखे चलाने, फैक्टरियों व कारखानों में से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण नहीं फैलता परंतु निशाना सिर्फ किसानों को ही बनाया जा रहा है। वहीं ग्रीन ट्रिब्यूनल के सभी दिशा-निर्देशों को नहीं माना जा रहा है जो किसान के हक में हैं परंतु जो बातें किसान विरोधी हैं, उन्हें डंडे के जोर से डरा-धमका कर लागू करवाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों अनुसार धान की पराली का खात्मा करने के लिए मशीनरी लेकर क्यों नहीं दे रही।