Edited By Vatika,Updated: 05 Nov, 2020 09:53 AM
केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों और बिजली एक्ट-2020 रद्द करवाने के लिए गत 35 दिन से संघर्ष कर रहे पंजाब के 30 किसान संगठनों की संयुक्त बैठक किसान भवन में हुई।
चंडीगढ़(रमनजीत): केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों और बिजली एक्ट-2020 रद्द करवाने के लिए गत 35 दिन से संघर्ष कर रहे पंजाब के 30 किसान संगठनों की संयुक्त बैठक किसान भवन में हुई। बैठक दौरान संगठनों ने फैसला लिया कि 20 नवम्बर तक केवल मालगाडिय़ों को ही यातायात के लिए रास्ता दिया जाएगा जबकि बाकी स्थानों पर चल रहे धरने प्रदर्शन लगातार जारी रहेंगे।
जम्हूरी किसान सभा पंजाब के महासचिव कुलवंत सिंह संधू की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने कहा कि लोकल डीलरों की मालकी वाले रिलायंस पंपों संबंधी हां-समर्थकी फैसला कल चक्का जाम के दौरान किसान नेताओं की तरफ से घोषित किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों, टोल प्लाजाओं, रिलायंस पंपों और भाजपा नेताओं के घरों के आगे चल रहे धरने जारी रहेंगे। भाजपा नेताओं का घेराव भी जारी रहेगा। किसान नेता जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि बैठक के दौरान 5 नवम्बर के देश स्तरीय चक्का जाम को राज्य भर में सफल बनाने और 26-27 नवम्बर को दिल्ली में देश स्तरीय जलसा के लिए जुगतबंदी की। बैठक में भाजपा के पंजाब किसान सैल की अध्यक्षता से इस्तीफा देने वाले तरलोचन सिंह गिल ने पहुंचकर किसान संगठनों के साथ एकजुटता दिखाई। पूर्व सैनिकों की ओर से भी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया गया। ऑनरेरी रिटायर्ड कर्नल कुलदीप सिंह और उनके साथियों ने किसान संगठनों की बैठक में पहुंचकर संघर्ष के समर्थन का ऐलान किया।