Edited By Tania pathak,Updated: 13 Mar, 2021 02:35 PM
फिलहाल, ड्रग्स छोड़ने के लिए जिला के सिविल अस्पताल में 12,000 मरीज पंजीकृत हैं।
बरनाला (विवेक सिंधवानी,गोयल): जिला बरनाला ड्रग्स का हब बनता जा रहा है। फिलहाल, ड्रग्स छोड़ने के लिए जिला बरनाला के सिविल अस्पताल में 12,000 मरीज पंजीकृत हैं। यह आधिकारिक आंकड़ों का मामला है। इसके अलावा कई नशीली दवाओं के व्यसनी भी नशे के आदी हैं। ज्यादातर मरीज अफीम के नशेड़ी हैं परन्तु 20 प्रतिशत मरीज ऐसे भी है जो चिट्टे की लत का शिकार है।
इसके अलावा बड़ी संख्या में मैडीकल ड्रग एडिक्ट भी शामिल हैं। बरनाला जिले में ड्रग की लत के कारण कई युवाओं की मौत हो गई है। बड़ी संख्या में युवाओं को ड्रग्स की लत में आने से जहा सामाजिक क्षेत्र में चिंता की लहर दौड़ गई है,वही माता-पिता भी अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित हैं कि इस समय युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में है। आज सिविल अस्पताल में लगभग 1 हजार के लगभग मरीज दवाई लेने हेतु लाइनों में खड़े थे लेकिन उन्हें दवा नहीं मिली। कई रोगियों ने बताया कि वे सुबह 7 बजे से खड़े है तथा उन्हें कोई दवा नहीं मिली।
सरकार को उचित कार्रवाई करनी होगी
सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कंसल ने कहा कि वर्तमान में देश की युवा पीढ़ी नशे की आदी है और युवा पीढ़ी के नशे के कारण उनका भविष्य भी खतरे में है। सरकार युवाओं को नशीली दवाओं की लत से बाहर निकालने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठा रही है, जो आगे चलकर उन्हें ड्रग्स के दलदल में फंस रहा है। युवा पीढ़ी को ड्रग दलदल से बाहर निकालने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई केवल कागजों पर दिखाई देती है
अकाली नेता मनु जिंदल ने कहा कि ड्रग तस्करों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। अगर ड्रग तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई होती तो ड्रग्स खुलेआम नहीं बिकती। मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कागजी कार्रवाई तक सीमित लगती है। अगर कोई ड्रग डीलर नहीं रहेगा तो ड्रग्स कैसे बेची जाएंगी और युवा पीढ़ी ड्रग दलदल से बाहर निकल पाएगी।
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