TET परीक्षा मामले की हो उच्चस्तरीय जांच : प्रो. सरचंद सिंह ख्याला

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 14 Mar, 2023 06:23 PM

there should be a high level inquiry into the tet exam case

भाजपा के सिख नेता एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने शिक्षक योग्यता परीक्षा लीक मामले में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए पूरी सच्चाई सामने...

अमृतसर : भाजपा के सिख नेता एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने शिक्षक योग्यता परीक्षा लीक मामले में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए विश्वविद्यालय के बाहर किसी एजैंसी से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है और संबंधित कुलपति (वी.सी.) को जांच में शामिल करने को कहा है। उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा लेने के लिए सरकारी खजाने पर जो भी बोझ पड़ेगा, उसका पूरा खर्च जिम्मेदार व्यक्ति की जेब से देने की व्यवस्था की जाए।

प्रो. सरचंद सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि जिस विश्वविद्यालय ने अपनी अक्षमता और लापरवाही का प्रदर्शन किया है, उसे दोबारा परीक्षा कराने की जिम्मेदारी देकर सरकार अपनी अक्षमता न दिखाए। उन्होंने टी.ई.टी. की दोबारा परीक्षा की जिम्मेदारी किसी अन्य संस्था को सौंपने की वकालत करते हुए कहा कि अक्षमता दिखाकर अपनी विश्वसनीयता खो चुके जी.एन.डी.यू. को दोबारा परीक्षा का अधिकार देने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2023 टी.ई.टी. परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जीएनडीयू के वी.सी. डा. जसपाल सिंह संधू को दी थी तो वह किसी भी गड़बड़ी के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि वी.सी. ने इस काम की जिम्मेदारी अपने खासमखास और सेवा मुक्ति के बाद विश्वविद्यालय में अपने ओ.एस.डी. के महत्वपूर्ण पद से नवाजे गए डा. हरदीप सिंह और प्रो. रविंदरपाल सिंह को सौंपी थी। उन्होंने कहा कि परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को सौंपना संदिग्ध है। 

उन्होंने बताया कि इस पेपर लीक मामले की जांच के लिए वी.सी. द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख भी सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। इसलिए इस मामले में लीपा पोची के अलावा किसी सार्थक परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इसलिए उन्होंने इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए किसी बाहरी एजेंसी से जांच कराने की जरूरत पर जोर दिया है और इस जांच के दायरे में वी.सी. और रजिस्ट्रार को भी शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक का मामला जहां छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, वहीं यह सरकारी तंत्र के चरमराने का भी सबूत है। 

प्रो. सरचंद सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में पहले भी प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ी के चर्चे हैं, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकार बनने के बाद रिश्वतखोरी के खिलाफ जंग का ऐलान तब तक बेबुनियाद रहेगा जब तक यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन की मांग के मुताबिक गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में हो रहे वित्तीय और प्रशासनिक धांधली की जांच नहीं हो जाती। उन्होंने सर्बजोत सिंह बहल को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत करने, प्रोफेसर करनजीत सिंह को रजिस्ट्रार के पद का अतिरिक्त भार सौंपने के लिए, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डा. जसपाल सिंह संधू की कथित अक्षम नियुक्ति की भी जांच करने के लिए कहा।  

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