Edited By Subhash Kapoor,Updated: 03 Apr, 2022 05:59 PM
डायरैक्टोरेट आफ इन्फोर्समैंट एजैंसी (ई.डी.) ने रविवार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुल 7 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफ.ई.एम.ए.), 1999 की धारा 4 के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले अचल...
लुधियाना (सेठी): डायरैक्टोरेट आफ इन्फोर्समैंट एजैंसी (ई.डी.) ने रविवार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुल 7 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफ.ई.एम.ए.), 1999 की धारा 4 के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले अचल संपत्ति को स्थानांतरित करने के चलते तलाशी ली गई। कार्रवाई के दौरान ई.डी. ने कई व्यावसायिक संस्थाओं के बीच वित्तीय लेन-देन का खुलासा करने वाले लूज कागजात और संपत्ति दस्तावेजों के रूप में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
मिली जानकारी के अनुसार जांच एल.ओ.सी. के संदर्भ में की गई, जो मेसर्स सेबर पेपर्स लिमिटेड के दिनेश सोइन, अभिषेक सोइन और अन्य के नाम रजिस्टर्ड है जिसमें पता चला है कि दिनेश सोइन, अभिषेक सोइन और सोइन परिवार के अन्य सदस्य एस.पी.एल. और मेसर्स सेबर पेपर बोर्ड प्राइवेट लिमिटेड के शेयर होल्डर व डायरैक्टर हैं। इसके अलावा की गई पूछताछ से पता चला कि एस.पी.एल. और एस.पी.बी.पी.एल. के दिनेश सोइन और अभिषेक सोइन ने विदेशी अधिकार क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं में 9.7 करोड़ का निवेश किया था और बाद में उन संस्थाओं के बीच संपत्ति और देनदारियों को विभाजित किया, जिससे पता चला कि 120 करोड़ की संपत्ति स्विट्जरलैंड में कंपनियों के नाम जमा हुई है। उक्त अभियुक्त ने बैंकिंग चैनलों के माध्यम से केवल 9.7 करोड़ की राशि भेजी थी। इस संदेह को पुष्टि करते हुए कि बैंकिंग चैनलों के अलावा अन्य माध्यमों से भारत से पैसे उन बाहरी संस्थाओं में डाले गए थे। जानकारी यह भी जुटाई गई थी कि एस.पी.एल. और एस.पी.बी.पी.एल. द्वारा 400 करोड़ से अधिक के बैंक लोन का लाभ उठाया गया जिसके लिए लोन देने वाले बैंकों द्वारा एन.सी.एल.टी. के समक्ष दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस मामले की आगे की जांच जारी है।
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