Edited By Urmila,Updated: 08 Mar, 2022 10:55 AM

यूक्रेन और रूस बीच छिड़े युद्ध को लेकर दुनिया भर में कोहराम मचा हुआ है। रूस की तरफ से परमाणु बम का प्रयोग करने की संभावना को लेकर कई देश सदमे में हैं। इस बीच भारत के रक्षा मंत्री...
जालंधर: यूक्रेन और रूस बीच छिड़े युद्ध को लेकर दुनिया भर में कोहराम मचा हुआ है। रूस की तरफ से परमाणु बम का प्रयोग करने की संभावना को लेकर कई देश सदमे में हैं। इस बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के आधिकारियों के साथ एक बैठक की है जिसमें रशिया और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की गई। खबर है कि बैठक में तीनों ही सेनाओं के मुखियों ने सेना को होने वाली हथियारों की सप्लाई पर चर्चा की गई है। जिक्रयोग्य है कि रशिया पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं और भारत को हथियारों के मामले में रशिया से बड़ी खेप आती है। यहां तक कि भारत में तैयार होने वाले हथियारों में भी रशिया अहम भूमिका निभाता है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों के मुखियों के पास से मांगे सुझाव
इस स्थिति में राजनाथ सिंह की तरफ से की गई इस बैठक को बेहद अहम समझा जा रहा है। रूस जहां भारत को हथियार सप्लाई करता है, वहीं आम दिनों में प्रयोग होने योग्य सेना के साथ सम्बन्धित सामान की सप्लाई रूस से होती है। खास कर हथियारों के स्पेयर पार्ट्स जिस कारण हथियार बेकार हो गए हैं। स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई लगातार जारी रहे, इस सम्बन्धित भी इस बैठक में चर्चा की गई। आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के आधिकारियों के साथ इस बैठक में रूस के साथ किए गए समझौतों पर चर्चा की गई। बाकी देशों की तरफ से रूस पर पाबंदी लाने के बाद भारत बेहद संभल कर कदम उठा रहा है।
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ऐसी स्थिति में एयरफोर्स के लड़ाकू जहाज और नेवी के प्रयोग के लिए जरूरी सामान किस तरह मंगवाया जाएगा, पर भी चर्चा हुई। पिछले कुछ वर्षों से भारत में आत्मनिर्भरता को लेकर चर्चे चल रहे हैं। सेना को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश में हथियारों का निर्माण किया जा रहा है परन्तु इसके बाद काफी स्पेयर पार्ट्स और अन्य स्पेयर पार्ट्स भी रूस से मंगवाए जाते हैं। दूसरी भाषा में कहा जाए तो भारत की सेना अभी भी रूस पर निर्भर है। जानकारी मिली है कि रूस के साथ चल रहे व्यापारिक समझौते अधीन इस महीने एक बड़ी रकम का भुगतान किया जाना है। रूस को जो भुगतान किया जा रहा है, उसमें कई नए तरह के हथियार भी रूस की तरफ से मुहैया करवाए जाने हैं।
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कई देशों में पाबंदी लगाए जाने के बाद यह जानकारी भी सामने आई है कि रूस को भारत की तरफ से जो कुछ भुगतान किया गया है, वह अभी अपूर्ण लटका हुआ है। रूस की हथियार कंपनियों को किए जाने वाले कुछ भुगतान तो डिकलाइन हो गए हैं। इस स्थिति में रूसी कंपनियों की तरफ से भारत को समय पर सप्लाई देने के मामलों में भी बैठक में चर्चा की गई। भारत को यह भी चिंता है कि अब जब रूस यूक्रेन पर हमला कर चुका है तो खुद रूस को बड़ी मात्रा में हथियारों की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में भारत को रूस से होने वाले हथियारों की सप्लाई पर प्रभाव पड़ सकता है। बेशक रूस ने भारत को यकीन दिलाया है कि जंग की हालत में भी भारत को दिए जाने वाले हथियारों की सप्लाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परन्तु यह कितना ठीक है, समय ही बताएगा।
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