Edited By Urmila,Updated: 05 Mar, 2023 10:21 AM

यह मशविरा पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी के नेतृत्व वाले एक एन.जी.ओ. और कुछ अन्य लोगों ने पंजाब के राज्यपाल को पत्र लिखकर दिया है।
चंडीगढ़ : पंजाब में सिंथैटिक ड्रग्स से लोगों को दूर करने के लिए उनको नियंत्रित तरीके से अफीम या चूरा पोस्त (भुक्की) आदि दिया जाना चाहिए। यह मशविरा पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी के नेतृत्व वाले एक एन.जी.ओ. और कुछ अन्य लोगों ने पंजाब के राज्यपाल को पत्र लिखकर दिया है। इस पत्र के माध्यम से पंजाब सरकार से आग्रह किया गया है कि अगर विभिन्न नशे के आदी लोगों को अफीम या पोस्त चूरा (भुक्की) को नियंत्रित तरीके से दिया जाए तो राज्य में नशे की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंथैटिक ड्रग्स के कारण बड़ी संख्या में नशेड़ी नपुंसक हो रहे हैं। साथ ही अपराध और विवाहितों के तलाक के मामले बढ़ रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि पंजाब कैबिनेट को एन.डी.पी.एस. अधिनियम में संशोधन करना चाहिए और 5 ग्राम अफीम और 500 ग्राम (आधा किलो) पोस्त चूरा रखने वालों के खिलाफ कोई पुलिस मामला दर्ज नहीं करना चाहिए। यह उन्हीं को दी जाए, जिनका डाक्टरी मुआयना नशे की लत को प्रमाणित करे और उन्हें लाइसैंस जारी किया जाए। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी इकबाल सिंह गिल, डा. द्वारका नाथ कोटनिस हैल्थ एंड एजुकेशन सैंटर लुधियाना के प्रोजैक्ट डायरैक्टर डा. इंद्रजीत सिंह व जसवंत सिंह छापा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सिंथैटिक ड्रग्स लेता है तो यह शारीरिक और मानसिक रूप से हानिकारक है, लेकिन यह देखा गया है कि यदि कोई नियंत्रित तरीके से अफीम या भुक्की इस्तेमाल करता है तो उसके कोई शारीरिक या मानसिक दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। साथ ही सिंथैटिक ड्रग्स लेने वाले लोग कोई भी अपराध करने से पहले नहीं सोचते हैं क्योंकि उस अवस्था में वे अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं।
इसके चलते पंजाब में बलात्कार, चोरी, डकैती, झपटमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इनके अलावा तलाक के मामले भी बढ़े हैं। पत्र में कहा गया है कि सिंथैटिक ड्रग्स का उपयोग कम होने से राज्य सरकार को नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए दवाओं पर कम खर्च करना होगा और अगर अफीम व भुक्की को देश के अन्य कई राज्यों की तर्ज पर कानूनी रूप से बेचा जाता है तो सरकार सिंथैटिक ड्रग्स की चपेट में आ चुके लोगों को मुख्यधारा की तरफ एक कदम आगे बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व भी कमा सकती है।
उन्होंने आग्रह किया कि सभी संबंधित लोगों से विचार-विमर्श और सलाह के बाद सरकार को एक अधिसूचना जारी करनी चाहिए और राज्य के युवाओं को बचाने और अपराध दर को कम करने के लिए राज्य नियंत्रित केंद्रों से पंजीकृत नशा करने वालों को अफीम व भुक्की की बिक्री की अनुमति देनी चाहिए।
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