Edited By Subhash Kapoor,Updated: 25 Sep, 2022 09:35 PM
कल से नवरात्रों का दौर शुरू होने जा रहा है।
जालंधर : कल से नवरात्रों का दौर शुरू होने जा रहा है। इन नवरात्रों के दौरान हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से देवी मां की पूजा-अर्चना करता है। बता दें कि इस साल शारदीय नवरात्रे 26 सितंबर से लेकर 05 अक्तूबर तक चलने वाले हैं। नवरात्रि की शरुआत अखंड ज्योति और कलश स्थापना के साथ की जाती है और देवी मां की पूजा-अर्चना बड़े भक्तिभाव से की जाती है।
शारदीय नवरात्रि के दौरान पहले दिन घटस्थापना कैसे करनी है, इस बारे भी आपको बता दें। इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। पहले कलश को गंगा जल से भरें। उसके मुख पर आम या अशोक की पत्तियां लगाएं और ऊपर नारियल रखें। कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधे। अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें। फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें। अब पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें। नौ दिनों तक मां दुर्गा के चमत्कारी मंत्रों का जाप करें। मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में रखें। मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रतिदिन पानी का छिड़काव करें।
आपको बता दें कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 26 सितंबर को यानी सोमवार को सुबह 3.23 बजे प्रारंभ होगी और मंगलवार, 27 सितंबर को सुबह 3.08 बजे इसका समापन होगा। इसी तरह से शारदीय नवरात्रि में देवी की पूजा से पहले 26 सितंबर को घटस्थापना होगा। इस दिन सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर 08 बजकर 01 मिनट तक कलश स्थापना करना शुभ होगा। अतः जो लोग व्रत रखना चाहते हैं, वह इसी एक समय के भीतर कलश की स्थापना करना उचित होगा। और जो लोग किसी कारणवश तय मुहूर्त पर घटस्थापना नहीं कर पाते हैं, वो अभिजीत मुहूर्त में भी ये काम कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना भी बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन सुबह 11 बजकर 54 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।