Edited By Kamini,Updated: 12 Nov, 2024 12:09 PM
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) के लगातार दिए जा रहे बयानों से जहां विरोधी सक्रिय हो गए हैं, वहीं बिट्टू के बयान उनकी ही पार्टी के लिए चिंताजनक साबित हो रहे हैं।
पंजाब डेस्क : केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) के लगातार दिए जा रहे बयानों से जहां विरोधी सक्रिय हो गए हैं, वहीं बिट्टू के बयान उनकी ही पार्टी के लिए चिंताजनक साबित हो रहे हैं। दरअसल, Ravneet Bittu ने 4 सीटों पर उपचुनाव लड़ रहे BJP उम्मीदवारों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। कुछ दिन पहले रवनीत बिट्टू ने खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार बताया था, जिसे लेकर पार्टी के अंदर चर्चा छिड़ गई।
इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि अगर Ravneet Bittu को दावेदारी करनी है तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पद पर दावेदारी करनी चाहिए। अब चारों सीटें ग्रामीण इलाकों में हैं, जहां जाट सिख वोट बैंक काफी अहम है। ऐसे में रवनीत बिट्टू ने किसान नेताओं की प्रॉपर्टियों की जांच कराने का बयान दिया है। इससे न सिर्फ किसान नाराज हुए, बल्कि विरोधियों ने भी BJP से स्पष्टीकरण की मांग की। अब रवनीत बिट्टू ने चूड़ा-पोस्त और अफीम के ठेके दोबारा खोलने का बयान दे दिया है।
उनका कहना है कि वे इस बारे में केंद्र सरकार से बात करेंगे और जब Punjab में हरित क्रांति आई तो लोगों को पोस्त की लत लग गई। इस पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि ऐसा लगता है कि Ravneet Bittu अपना होश खो बैठे हैं। उन्होंने कहा कि बिट्टू को याद रखना चाहिए कि हरित क्रांति पारंपरिक दवाओं के सेवन से नहीं, बल्कि पंजाबी किसानों की लगन और कड़ी मेहनत से आई है। उन्होंने कहा कि रवनीत बिट्टू को अपने बयान के लिए पंजाब के किसानों से माफी मांगनी चाहिए। रवनीत बिट्टू के बयानों पर बात करते हुए कई BJP नेताओं का कहना है कि बिना वजन वाले बयानों से पार्टी को चारों सीटों पर भारी नुकसान हो सकता है।
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