Edited By Subhash Kapoor,Updated: 22 Dec, 2025 07:42 PM

स्थानीय शहर से संगरूर को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 7 पर गांव रोशनवाला के पास बन रहे दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे का ओवरब्रिज आम लोगों और राहगीरों के लिए जान का खतरा बना हुआ है। घने कोहरे के कारण यहां लगातार वाहन हादसों का शिकार हो रहे हैं, जिससे...
भवानीगढ़ (कांसल): स्थानीय शहर से संगरूर को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 7 पर गांव रोशनवाला के पास बन रहे दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे का ओवरब्रिज आम लोगों और राहगीरों के लिए जान का खतरा बना हुआ है। घने कोहरे के कारण यहां लगातार वाहन हादसों का शिकार हो रहे हैं, जिससे लोगों को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आज सुबह यहां से गुजर रहे एक राहगीर और समाजसेवी विक्रमदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि घने कोहरे के कारण कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। जब उन्होंने यहां हादसे का शिकार हुए कई वाहनों को क्षतिग्रस्त हालत में खड़ा देखा, तो उन्होंने पहले उन वाहनों में घायल लोगों को अन्य वाहनों की मदद से इलाज के लिए भवानीगढ़ और संगरूर भिजवाया। इसके बाद उन्होंने कई घंटों तक अपनी जान जोखिम में डालकर कई अन्य वाहनों को हादसे का शिकार होने से बचाया।
इस दौरान जब उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 7 के अधिकारियों को हादसों की सूचना दी, तो अधिकारियों ने यहां हादसे रोकने के लिए कोई कदम उठाने का आश्वासन देने की बजाय यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह क्षेत्र अब उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसके बाद उन्होंने वहां से गुजर रही अन्य अधिकारियों की गाड़ियों को रोककर भी मदद की गुहार लगाई, लेकिन दुर्भाग्यवश किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। अंततः उन्होंने पत्रकारों से संपर्क किया।
उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज के नीचे से गुजरने के लिए एक खतरनाक मोड़ बना दिया गया है, लेकिन न तो वहां सही तरीके से डिवाइडर बनाया गया है और न ही मोड़ की जानकारी देने के लिए कोई रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं। इसी कारण घने कोहरे में कुछ भी नजर न आने पर वाहन सीधे ओवरब्रिज के नीचे चले जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं।
दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे की क्रॉसिंग के लिए ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अब पूरी तरह पूरा हो चुका है, लेकिन इसके नीचे से गुजरने वाले बठिंडा–जीरकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें अभी तक ठीक तरह से दुरुस्त नहीं की गई हैं। साथ ही रात के समय और कोहरे में वाहनों को डायवर्जन की जानकारी देने के लिए कोई सही दिशा-सूचक या रिफ्लेक्टर नहीं लगाए गए हैं।