Edited By Subhash Kapoor,Updated: 04 Jun, 2025 07:33 PM

जिले के गांव कोटशमीर की पुलिस चौकी के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को बुधवार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
बठिंडा (विजय वर्मा): जिले के गांव कोटशमीर की पुलिस चौकी के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को बुधवार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए बठिंडा के एस.एस.पी. अमनीत कौंडल ने कहा कि यह कदम आम जनता की ओर से मिल रही शिकायतों के आधार पर उठाया गया है। हालांकि, इस कार्रवाई के पीछे एक और बड़ा कारण सामने आ रहा है —बीते दिनों सामने आए 80 हजार लीटर एथनाल जब्ती प्रकरण में कथित लापरवाही।
एथनाल केस से जुड़ रही कार्रवाई की कड़ियाँ
पुलिस और आबकारी विभाग ने हाल ही में 80,000 लीटर एथनाल बरामद करने का दावा किया था, जो कथित रूप से अवैध तरीके से ले जाया जा रहा था। हालांकि, अगले ही दिन इस दावे को गंभीर चुनौती तब मिली जब ट्रक मालिक बलजीत सिंह संधू मीडिया के सामने आए और बताया कि उनकी गाड़ी में जो एथनाल था, वह पूरी तरह कानूनी था और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), बठिंडा के लिए दीनानगर से भेजा गया था।
बलजीत सिंह ने साफ कहा था कि उन्होंने सभी वैध दस्तावेजों के तहत ट्रांसपोर्ट किया था और यह कार्रवाई उनके साथ अन्याय है। उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि वह इस मामले को अदालत में लेकर जाएंगे ताकि इंसाफ मिल सके।
इसके बाद इस मामले ने जब राजनीतिक तूल पकड़ा और सरकार की साख पर सवाल उठने लगे, तब प्रशासन और पुलिस महकमा हरकत में आया। सूत्रों की मानें तो चौकी इंचार्ज की ओर से इस मामले में गंभीर चूक हुई थी। संभवतः उन्होंने समय पर सूचना देने या जांच के दौरान सतर्कता बरतने में लापरवाही की। यही वजह मानी जा रही है कि SSP द्वारा कार्रवाई को “जनशिकायतों” की आड़ में अंजाम दिया गया, हालांकि पुलिस विभाग की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि चौकी इंचार्ज की गलती आखिर क्या थी।
पुलिस विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
जहां एक ओर प्रशासन इसे जनहित में उठाया गया कदम बता रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि यदि एथनाल का ट्रांसपोर्ट पूरी तरह कानूनी था, तो फिर जब्ती क्यों हुई? और अगर वास्तव में कोटशमीर चौकी इंचार्ज ने लापरवाही की, तो उनकी भूमिका को लेकर कोई आधिकारिक बयान क्यों नहीं दिया जा रहा?
