Edited By Kamini,Updated: 02 Dec, 2024 04:19 PM
साथ ही बोरवेल करने वाली ड्रिलिंग एजेंसी का नाम और पंजीकरण संख्या तथा भूमि मालिक का पूरा नाम और पता वाला साइनबोर्ड संबंधित बोरिंग स्थल के पास होना चाहिए।
नवांशहर : पंजाब बोरवेल पर रोक लगाने के पर बड़ा फैसला सामने आया है। जिला मजिस्ट्रेट राजेश धीमान ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा एक रिट याचिका के आधार पर जारी आदेश में कहा है कि जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्यूबवेल खोदने या गहर करने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि कच्चे कुओं और ट्यूबवैलों की खुदाई के कारण लोगों और बच्चों के इन बोरवेलों में गिरने की खबर आ रही हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक संरक्षण अधिनियम, 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश के तहत कहा कि भूमि मालिक के लिए बोरवेल खोदने से पहले संबंधित जिला कलेक्टर, संबंधित ग्राम पंचायत, नगर परिषद, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, भूमि रक्षा विभाग ( भूजल) को 15 दिन पहले सूचित करना आवश्यक होगा। साथ ही बोरवेल करने वाली ड्रिलिंग एजेंसी का नाम और पंजीकरण संख्या तथा भूमि मालिक का पूरा नाम और पता वाला साइनबोर्ड संबंधित बोरिंग स्थल के पास होना चाहिए।
बोरवेल के चारों ओर बाड़ लगाना और उसे नट बोल्ट के साथ स्टील प्लेट कवर से बंद करना अनिवार्य होगा। बोरवेल के चारों ओर जमीनी स्तर से 0.30 मीटर नीचे और 0.30 मीटर ऊंचे सीमेंट/कंक्रीट प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा कुआं/बोरवेल खोदने या मरम्मत करने के बाद यदि कोई खाली जगह हो तो उसे मिट्टी से भर देना चाहिए और काम पूरा होने के बाद जमीन को समतल कर देना चाहिए. किसी भी स्थिति में कुआं या बोरवेल को खाली नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
कोई भी व्यक्ति कुओं/बोरवेल की खुदाई या मरम्मत के लिए जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग की लिखित मंजूरी नहीं लेगा और उनकी देखरेख के बिना काम नहीं करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विभाग के सरपंच व अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य विभाग, भूजल विभाग, नगर परिषदों के कनिष्ठ अभियंता व कार्यकारी अभियंता भी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में इस संबंध में नियमित रिपोर्ट तैयार कर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) को हर माह भेजेंगे। ये आदेश 31 जनवरी 2025 तक लागू रहेंगे।
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