Edited By Radhika Salwan,Updated: 09 Aug, 2024 08:04 PM
15 जून को गांव दीदा सासियान में नशे की ओवरडोज से तीन युवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल बन गया है।
गुरदासपुर- 15 जून को गांव दीदा सासियान में नशे की ओवरडोज से तीन युवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल बन गया है और घटना के अगले दिन करीब छह घरों के लोग गांव से भाग गये थे और पुलिस प्रशासन ने उक्त छह घरों को पूरी तरह से सील कर दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है जब नहर विभाग ने उक्त गांव के 71 लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया है, जिसमें से अभी तक सिर्फ 56 लोगों को ही नोटिस मिला है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन पूरे गांव को बदनाम करना चाहता है और नशा तस्करों की आड़ में उनके घर खाली कराए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नहर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह किसी साजिश का नतीजा नहीं बल्कि रूटीन काम परिणाम है।
गांव की महिला सरपंच कमलेश कुमारी, विक्रांत, करण कुमार, परमजीत, संजू और कुलदीप ने बताया कि गांव में नशे की ओवरडोज से युवाओं की मौत के बाद पुलिस प्रशासन समय-समय पर उनके गांव में सर्च अभियान चलाता है। इस वजह से, गांव में नशीली दवाओं के कारोबार के संदिग्ध लोगों ने गांव छोड़ दिया है और जिला प्रशासन ने जून के अंत में छह नोटिस जारी कर दूसरों के घर खाली करने के लिए कहा है, लेकिन अब जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में पूरे गांव को घेर रहा है। उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोग नशे का कारोबार करते थे, जिनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुछ लोग फरार हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के लोग भी खुश हैं, लेकिन अब नहर विभाग ने गांव के 71 लोगों को मकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है कि उक्त मकान नहर विभाग की जमीन पर कब्जा करके बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उनके दादा-परदाद 150 साल से अधिक समय से गांव में रह रहे हैं। यह सिर्फ गांव को बदनाम करने और नहर के किनारे बने घरों के लोगों को बेघर करने के लिए किया जा रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि गांव में कई लोग सरकारी नौकरी करते हैं, उनमें से कुछ सेना में भी हैं। यह जरूरी नहीं है कि गांव के सभी लोग नशा तस्कर हों।