आज होगी मुख्यमंत्री से अहम मीटिंग, प्राइवेट बसों का चक्का-जाम करके आर-पार की ‘लड़ाई लड़ेगी’ यूनियन

Edited By Sunita sarangal,Updated: 14 Dec, 2021 11:55 AM

private bus union will be held an important meeting with chief minister

पनबस व पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन के 6000 कर्मचारी 6 दिसम्बर रात 12 बजे से हड़ताल पर है और उन्होंने 2100 बसों का चक्का किया हुआ है जोकि यात्रियों......

जालंधर(पुनीत): पनबस व पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन के 6000 कर्मचारी 6 दिसम्बर रात 12 बजे से हड़ताल पर है और उन्होंने 2100 बसों का चक्का किया हुआ है जोकि यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। यूनियन की हड़ताल को खत्म करवाने के लिए 14 दिसम्बर को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ अहम मीटिंग करवाई जा रही है। यूनियन का कहना है कि पंजाब में चुनाव आचार संहिता लगने वाली है, इसलिए वह मांगें मनवा कर ही हड़ताल खत्म करेंगे। वह आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं, इसके लिए प्राइवेट बसों का चक्का जाम करना भी रणनीति में शामिल है, वहीं दूसरे राज्यों से आने वाली बसों को भी रोकने की योजनाएं बनाई जा सकती है।

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वहीं, सरकार सभी 6000 ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के मूड में नजर नहीं आ रही जिसके चलते यूनियन की मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग करवाई जा रही है ताकि बीच का रास्ता निकल सके। ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा जो प्रपोजल बनाया है उसके मुताबिक 6000 कर्मचारियों में से 2022 कर्मचारी पक्के करने जबकि 4600 कर्मचारियों के स्टाफ को पनबस व पी.आर.टी.सी. कंपनी में भर्ती करने की योजना है। इस समय पनबस व पी.आर.टी.सी. में 6622 कर्मचारी कच्चे तौर पर काम रहे है। इनमें पी.आर.टी.सी. में 2872 जबकि पनबस में 3750 कर्मचारी कार्यरत्त है। विभाग के पास उक्त 6622 ठेका कर्मचारी अलग-अलग सिस्टम के जरिए काम कर रहे है। पनबस व पी.आर.टी.सी. में कांट्रैक्ट (सीधे तौर पर कंपनी में) पर 2022 कर्मचारी है जबकि आऊटसोर्स (ठेकेदार के जरिए) काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 4600 के करीब है।

सूत्र बताते हैं कि सरकार पनबस व पी.आर.टी.सी. में सीधे तौर पर काम करने वाले 2022 कर्मचारियों को पक्का करने पर दे सकती है। वहीं, ठेकेदार के जरिए सेवाएं देने वाले 4600 कर्मचारियों को कांट्रैक्ट पर पनबस व पी.आर.टी.सी. कंपनियों में भर्ती करने हेतू प्रपोजल है। विभाग में 2022 कर्मचारियों में केवल वही पक्के हो सकेंगे जोकि 6 साल पुराने कर्मचारियों होंगे। इस हड़ताल से 7 दिनों के दौरान काऊंटरों से सरकारी बसें चलने के 18000 के करीब काऊंटर टाइम मिस हो चुके है और विभाग को अभी तक 17 करोड़ के करीब ट्रांजैक्शन लॉस उठाना पड़ा है। 

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प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह गिल का कहना है कि सरकार ने जो प्रपोजल बनाई है, उसे पढ़ने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं। सरकार द्वारा पिछले 70 दिनों से उन्हें वायदे किए जा रहे है लेकिन उन्हें पूरा करने के प्रति कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। मांगे मनवाने के लिए उन्हें कोई भी रास्ता अपनाना पड़े वह गरेज नहीं करेंगे। पंजाब मे ठेका कर्मचारियों की चल रही हड़ताल में चंडीगढ़ व हरियाणा की यूनियन द्वारा भी समर्थन दिया गया है। इसके चलते पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित प्राइवेट बसों का परिचालन भी बंद किया जा सकता है। अब देखना होगा कि मीटिंग में क्या हल निकलता है, यदि हड़ताल इसी तरह से जारी रही तो यात्रियों की दिक्कतें बढ़ेगी।

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चुनावी वर्ष में यात्रियों की परेशानी सरकार के लिए चिंता का विषय
बसों के परिचालन की बात की जाए तो पंजाब के सभी बस अड्डों में यात्रियों को बसें मिलने में भारी परेशानी हो रही है। जालंधर बस अड्डे में सुबह राजस्थान, हिमाचल व दिल्ली के लिए जाने वाली बसों का परिचालन बंद पड़ा है। इसके चलते यात्रियों को दूसरे राज्यों की बसों पर निर्भर होना पड़ रहा है। दिन-रात काऊंटरों पर यात्रियों का जमघट देखने को मिल रहा है लेकिन बसों के आने की संख्या बेहद कम है। डैली पैसेंजरों का कहना है कि कई ऐसे स्थान है जहां से ट्रेनें नहीं मिलती, अब अधिकतर बसों के बंद होने के कारण उन्हें बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है। चुनावी वर्ष में होने वाली यात्रियों की परेशानी सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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36000 कर्मचारियों को पक्का करने के दावे खोखले
प्रदेश सरप्रस्त कमल कुमार, चेयरमैन बलविन्द्र सिंह राठ ने कहा कि प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, ज्वाइंट सचिव जगतार सिंह, गुरप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि मुख्यमंत्री की अगुवाई में 36000 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के जो दावे किए जा रहे हैं वह खोखले हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों सहित कई विभागों के कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं जिन्हें पक्का नहीं किया जा रहा। सरकार लिस्ट जारी कर 36000 कर्मचारियों के बारे में बताए जिन्हें पक्का करने की बातें करके अपनी पीठ थपथपाई जा रही है।

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