SGPC चुनावों की तैयारियां शुरू, 190 सदस्यों का होगा चुनाव

Edited By Tania pathak,Updated: 07 Apr, 2021 10:35 AM

preparations begin for sgpc elections

एकाएक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं।...

जालंधर (एन.मोहन): एकाएक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चंडीगढ़ के सैक्टर-17 में गुरुद्वारा चुनाव आयोग के कार्यालय की तेजी से मुरम्मत चल रही है। 

गुरुद्वारा चुनाव आयोग के कर्मचारी, जो पंजाब सचिवालय में विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिए गए थे, उन्हें वापस तैयार रहने के लिए कह दिया गया है। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस.एस.सरोन गुरुद्वारा चुनाव आयोग के कार्यालय में मुरम्मत कार्य मुकम्मल होते ही काम संभाल लेंगे। ऐसे संकेत मिले हैं कि पंजाब विधानसभा चुनावों से पूर्व एस.जी.पी.सी. के चुनाव करवाए जा सकते हैं।  शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इस बार का वार्षिक बजट 912.5 करोड़ रुपए रहा है। 

एस.जी.पी.सी. के कुल 190 सदस्यों का चुनाव होना है। अकेले पंजाब से 157 सदस्य चुने जाने हैं, शेष हरियाणा, हिमाचल और चंडीगड़ से हैं। इससे पूर्व वर्ष 2011 में एस. जी.पी.सी. के चुनाव हुए थे, जिसमें अकाली दल ने संत समाज के साथ मिलकर 157 सीटें जीती थीं। पंजाब में अकाली दल और भाजपा का गठजोड़ अकाली दल द्वारा तोड़ देने और सुखबीर सिंह बादल के अकाली दल का अध्यक्ष बनने के बाद हालात में काफी तबदीली आई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव अभी होने जा रहे हैं।  इन चुनावों में राजनीतिक पार्टी के चुनाव लडऩे पर रोक के उपरांत अकाली दल के लिए परेशानी की स्थिति है। दिल्ली कमेटी के चुनाव परिणाम तय करेंगे कि चुनाव शीघ्र होंगे या कुछ समय लगेगा। 

पंजाब में कांग्रेस सरकार समेत अन्य दल केंद्रीय गृह विभाग से एस.जी.पी.सी. चुनाव करवाने की लगातार मांग करते आ रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी एस.जी.पी.सी. चुनावों को लेकर सक्रिय है। वैसे भी पूर्व की बादल सरकार के दौरान घटे बहबल कलां गोलीकांड, बेअदबी मामले और उससे पहले डेरा सिरसा के मुखी को माफी देने के मामले के बाद अकाली दल का वोट कट कर कांग्रेस और ‘आप’ के साथ जुड़ा है। 

हालांकि कांग्रेस ने एस.जी.पी.सी. चुनावों में सीधे प्रवेश से इंकार किया है, परन्तु परोक्ष रूप से कांग्रेस के समर्थन से एस.जी.पी.सी. चुनाव लड़ा जाएगा। अकाली दल द्वारा भाजपा से रिश्ते तोडऩे के बाद भाजपा भी अकाली दल को जमीन दिखाने के इरादे में है। हालांकि हरियाणा में अलग गुरुद्वारा कमेटी का कानूनी प्रभाव एस.जी.पी.सी. चुनावों पर नहीं पडऩे वाला, परन्तु इसका राजनीतिक प्रभाव पड़ सकता है।  राजनीतिक सर्कल में ऐसा प्रभाव बन रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह का एस.जी.पी.सी. चुनावों को हरी झंडी देना और गुरुद्वारा चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त की नियुक्ति इसी सिलसिले की कड़ी है।

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