Edited By Vaneet,Updated: 19 Aug, 2019 11:15 AM

रेलवे विभाग स्टेशनों व ट्रेनों की साफ-सफाई के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करता है। ....
जालंधर(गुलशन): रेलवे विभाग स्टेशनों व ट्रेनों की साफ-सफाई के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसके लिए बकायदा तौर पर प्राइवेट कम्पनियों से अनुबंध किया जाता है। रेलवे ने अपने स्तर पर भी हाऊसकीपिंग मैनेजमैंट अधिकारी नियुक्त किए हैं लेकिन लगता है कि रेलवे विभाग द्वारा अधिकारियों को दी जा रही मोटी तनख्वाह और प्राइवेट कम्पनियों को दिए जा रहे करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं क्योंकि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद यात्री गंदी सीटों पर सफर करने को मजबूर हो रहे हैं और रेलवे विभाग को कोस रहे हैं।
जालंधर के रहने वाले मानव लूथरा जोकि अपने परिवार के साथ नई दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रैस में जालंधर आने के लिए ट्रेन में सवार हुए। जब वह अपनी सीट पर पहुंचे तो देखा कि सीट मिट्टी से भरी हुई है। जब उन्होंने उसे हाथ से झाडऩे की कोशिश की तो उसमें से और मिट्टी निकलने लगी जोकि उड़कर अन्य यात्रियों तक पहुंचने लगी। मानव ने इसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर की। इस वीडियो ने रेलवे विभाग और अधिकारियों के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी। उल्लेखनीय है कि शताब्दी एक्सप्रैस को भारतीय रेलवे में वी.आई.पी. ट्रेन माना जाता है और इसका किराया भी आम ट्रेनों के मुकाबले काफी ज्यादा है। अगर इन ट्रेनों के हालात ऐसे हैं तो बाकी ट्रेनों में क्या होता होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
