Edited By Vatika,Updated: 31 Mar, 2023 08:52 AM

इस गांव में सन्नाटा पसर गया है और गांववासी दहशत के साए में जी रहे हैं।
पंजाब डेस्क: ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल का पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा जो अमृतसर जिले के रईया कस्बे के पास है, वहां कभी चहलकदमी हुआ करती थी और गांव के बाहर अमृतपाल की गतिविधियों का केंद्र रहे गुरुद्वारा बाबा काला मेहर में हर समय मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन 18 मार्च से शुरू हुए आप्रेशन अमृतपाल के बाद इस गांव में सन्नाटा पसर गया है और गांववासी दहशत के साए में जी रहे हैं।
जब पत्रकारों की एक टीम ने गांव का दौरा किया तो गांव की गलियां सुनसान नजर आईं। घरों के गेट अंदर से बंद थे। पत्रकारों ने बाबा काला मेहर प्रबंधन कमेटी के कुछ सदस्यों और ग्रामीणों से बात की तो लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोग अमृतपाल के समर्थन में खुलकर सामने आ गए, लेकिन कुछ ने अमृतपाल के नशा छुड़ाने और अमृत की कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि अमृतपाल द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्र के जिन युवकों ने नशा छोड़ दिया है, उनके परिवार बहुत खुश हैं।