जिला स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही, वारिसों की बजाय मृतकों के नाम भेज दिया ये फार्म

Edited By Kamini,Updated: 15 Dec, 2021 10:06 PM

negligence of district health officials form was sent the names of the dead

स्वास्थ्य विभाग में कई ड्राइवरों द्वारा चलाई जा रही एपिडेमियोलॉजी विभाग की गाड़ी का आलम निराला है इसमें एक और मील पत्थर जोड़ते हुए विभाग ने एक और कारनामा कर दिखाया है जिससे कोविड-19 के कारण मरे मृतकों के परिजनों की परेशानियां बढ़ गई है। सरकार द्वारा...

लुधियाना (सहगल): स्वास्थ्य विभाग में कई ड्राइवरों द्वारा चलाई जा रही एपिडेमियोलॉजी विभाग की गाड़ी का आलम निराला है इसमें एक और मील पत्थर जोड़ते हुए विभाग ने एक और कारनामा कर दिखाया है जिससे कोविड-19 के कारण मरे मृतकों के परिजनों की परेशानियां बढ़ गई है। सरकार द्वारा यह निर्देश आने के बाद की कोरोना के कारण मरे मृतकों के वारिसों को 50-50 हजार की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा जिन लोगों को यह लगता है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत कोरोना के कारण हुई है परंतु मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कुछ और लिखा है वह इसकी दुरुस्ती के लिए भी आवेदन कर सकते हैं । 

सरकार द्वारा यह कहा गया कि मृतकों के वारिसों को जगह-जगह न भटकना पड़े इसलिए फॉर्म के साथ-साथ मेडिकल सर्टिफिकेट कॉज ऑफ डेथ की कॉपी भी साथ ही भेज दी जाए ताकि फॉर्म भरकर तुरंत एस.डी.एम. के कार्यालय में जमा कराया जा सके। गौरतलब है कि मृतकों के डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी अस्पतालों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कोरोना वायरस के कारण मरे मृतकों की रिपोर्ट के साथ ही भेज दी जाती है । जिला स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण मुआवजा फार्म डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी तथा अन्य दस्तावेज वारिसों को भेजने की बजाय मृतकों के नाम पर रजिस्ट्री करा कर भेज दी गई ऐसा एक नहीं दो नहीं 500 मामलों में गलती की गई।  कुछ अंतराल के बाद यह पत्र विभाग के पास वापस आने लगे और 150 से अधिक रजिस्ट्रिया अब तक वापस आ चुकी हैं इस सिलसिले में जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉक्टर साहिल फोन तक सुनने को तैयार नहीं। इस उद्देश्य को लेकर बनी कमेटी के नोडल अफसर छट्टी पर है दूसरी ओर दूरदराज के इलाकों से लोग भी शिकायत लेकर आने लगे कि डाकिया उन्हें मुआवजा राशि से संबंधित पत्र नहीं दे रहा। बढ़ती शिकायतों को देखकर मामला सिविल सर्जन के पास पहुंचा संपर्क करने पर डॉक्टर एस.पी. सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा यह गलती हुई है परंतु वापस आए पत्रों को नाम ठीक करके वापस भेजा जा रहा है साथ ही साथ पोस्टल विभाग को यह कह दिया गया है कि मुआवजा राशि से संबंधित पत्र वापस लाने की बजाय मृतकों के वारिसों को दे दिए जाएं।

इसके साथ ही अब ऐसी शिकायतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जिसमें परिजनों द्वारा यह दावा किया गया है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत कोरोना वायरस से हुई परंतु कॉज ऑफ डेथ कोरोना के साथ कुछ और दिखा दिया गया और उसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना गया स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी शिकायतों की संख्या और बढ़ सकती है गौरतलब है स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक 2115 मरीजों की मौत को ही कोरोना से हुई मौत माना गया है जबकि संख्या के दावे इससे कहीं अधिक किए जा रहे हैं लोगों का कहना है कि इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।

 

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