PGI में मरीजों के नाम पर 1.14 करोड़ रुपए का घोटाला, हैरान करने वाला है पूरा मामला

Edited By Vatika,Updated: 20 Dec, 2025 02:10 PM

pgi scandal

चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में गरीब और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आवंटित

चंडीगढ़: चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में गरीब और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आवंटित फंड में 1.14 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का खुलासा हुआ है। इस मामले में सीबीआई ने पीजीआई के 6 कर्मचारियों और 2 निजी व्यक्तियों समेत कुल 8 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

जानकारी के मुताबिक पीजीआई के निजी ग्रांट सेल में यह घोटाला लंबे समय से चल रहा था। मरीजों के नाम पर फर्जी बिल जारी किए जा रहे थे। कुछ फंड उन मरीजों के नाम पर निकाले गए, जिनकी पहले ही मौत हो चुकी थी। वहीं कुछ ऐसे लोगों के नाम पर भी लाभ लिया गया, जिन्होंने पीजीआई में इलाज तक नहीं करवाया था। इस घोटाले का खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर हुआ। यह आरटीआई कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की संयुक्त एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अश्वनी कुमार मुंजाल द्वारा दायर की गई थी। रिपोर्ट में मृत मरीजों के नाम पर फर्जी बिलों और जाली मेडिकल रिकॉर्ड के जरिए लाखों रुपये के गबन का पर्दाफाश हुआ है।

जांच में यह भी सामने आया है कि 88.12 लाख रुपये बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा डीलरों को ट्रांसफर किए गए। यह घोटाला वर्ष 2017 से 2021 के बीच हुआ, लेकिन मामला अक्टूबर 2022 में उजागर हुआ। इसके बावजूद पीजीआई प्रशासन की ओर से तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई। काफी समय बाद पीजीआई ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया। समिति की पहली बैठक अक्टूबर 2023 में हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जांच के दौरान कई आरोपी कर्मचारी पीजीआई में काम करते रहे। अंततः पीजीआई ने इस साल की शुरुआत में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

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