Edited By Vatika,Updated: 01 Jun, 2019 11:23 AM
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा लोकसभा चुनाव अभियान के अंतिम समय में बङ्क्षठडा में दिए गए बयान के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन
चंडीगढ़(भुल्लर): पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू द्वारा लोकसभा चुनाव अभियान के अंतिम समय में बङ्क्षठडा में दिए गए बयान के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा अपनाए गए कड़े रुख के बाद कई मंत्रियों द्वारा सिद्धू के खिलाफ पार्टी हाईकमान से कार्रवाई की मांग पर फिलहाल कोई विचार नहीं हो रहा है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई बड़ी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की व्यस्तता के कारण सिद्धू के मामले में विचार पर देरी हो रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह राहुल गांधी से मुलाकात करने की कई दिनों से कोशिश कर रहे हैं परंतु अभी तक समय नहीं मिला है। कांग्रेस के अनुसार राहुल गांधी पार्टी और अमेठी में स्वयं की हुई हार के कारण काफी दुखी हैं और अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए नहीं मान रहे हैं। उन्होंने प्रमुख नेताओं से मिलने से भी इंकार कर दिया है। अगले दिनों में वह केरल के उस हलके में जा रहे हैं, जहां से वह लोकसभा चुनाव जीते हैं। इस तरह सिद्धू के मामले में अभी और देरी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस में भी अभी तक सिद्धू के खिलाफ पूरी सहमति नहीं बन रही है। चाहे 8 मंत्रियों द्वारा सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा चुकी है परंतु कुछ मंत्री इस मामले को लेकर पूरी तरह खामोश हैं। इसी तरह पार्टी के कई विधायक भी अंदरखाते सिद्धू के समर्थन में हैं और वे कार्रवाई के हक में नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी सिद्धू के खिलाफ कुछ भी खुलकर बोलने के लिए इस समय तैयार नहीं हैं जबकि सिद्धू ने बीते दिनों दोबारा मीडिया से रू-ब-रू होकर अपने दिए बयानों पर कायम रहने और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ निशाने साधे। इस समय राजनीतिक हलकों की नजरें भी कांग्रेस हाईकमान द्वारा सिद्धू के खिलाफ अपनाए जाने वाले रुख की तरफ हैं।