Edited By Vatika,Updated: 07 Jul, 2022 02:49 PM

यदि दिलों मे प्यार सच्चा हो तो वह दो देशों के बीच की सरहदों की सीमाएं भी तोड़ देता है
गुरदासपुर,पाकिस्तान(विनोद): यदि दिलों मे प्यार सच्चा हो तो वह दो देशों के बीच की सरहदों की सीमाएं भी तोड़ देता है। इसकी ताजा उदाहरण उस समय सामने आई जब पाकिस्तानी निवासी क्रिशचियन लडक़ी स्माइला और जालंधर के कमल कल्याण की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बुधवार को स्माईला अपने प्रेमी से विवाह करने लाहौर की ईसाई युवती वाघा बॉर्डर पार कर भारत पहुंच गईं। उनके माता-पिता भी साथ में आए हैं।
सीमापार सूत्रों के अमृतसर पहुंचने के बाद स्माइला ने कहा कि शादी के लिए माता-पिता समेत वीजा जारी करने के लिए वह भारत सरकार की आभारी हैं। उन्होंने बताया कि जालंधर निवासी कमल कल्याण के दादा जी पाकिस्तान में रहते थे। वहां दोनों परिवारों का मेलजोल हो गया। इसके बाद उनका परिवार भारत आ गया। सोशल मीडिया के जरिए तीन साल पहले स्माइला और कमल की मुलाकात हुई। दोनों में प्यार हो गया। इसके बाद उन्होंने शादी का फैसला लिया। सगाई भी व्हाट्सएप पर हुई। सरहदें बाधा न बनें इसके लिए उन्होंने इंटरनेट पर ऐसे लोगों की कहानियां तलाशीं, जिन्होंने इस तरह शादी की हो।कादियां निवासी मकबूल अहमद की कहानी पता चली। मकबूल की शादी पाकिस्तान में हुई थी। इसके बाद उन्होंने मकबूल से संपर्क किया। मकबूल ने उन्हें शादी से जुड़े आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की प्रक्रिया बताई। मकबूल ने इससे पहले सियालकोट की किरण सरजीत, कराची की सुमन, चिनोट की सफुरा और भारत की इकरा की शादी कराने में मदद की थी। स्माइला ने बताया कि कोरोना से पहले भी उन्होंने वीजा के लिए आवेदन किया था लेकिन वह रद्द हो गया था।
कमल बोले-मंगेतर पहुंच गईं, 10 को होगी शादी
वहीं कमल कल्याण ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उनकी मंगेतर आज भारत पहुंच गई है। शादी की तैयारियां जोरों पर हैं। मेहंदी समारोह नौ जुलाई को होगा और शादी 10 जुलाई की दोपहर जालंधर में होगी। अपनी शादी का बहुत सारा सामान पाकिस्तान से ला चुकीं स्माइला को भी वाघा बॉर्डर पर मोटी रकम चुकानी पड़ी है।