Jalandhar: सिविल अस्पताल का हैरान कर देने वाला कारनामा, जांच कमेटी गठित

Edited By Vatika,Updated: 03 Jul, 2024 08:54 AM

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सिविल अस्पताल की मोर्चरी (डैड हाऊस) में पिछले करीब 30 दिनों से शव की हो रही दुर्गति के मामले में पंजाब केसरी

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल की मोर्चरी (डैड हाऊस) में पिछले करीब 30 दिनों से शव की हो रही दुर्गति के मामले में पंजाब केसरी द्वारा प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए जाने पर सारा मामला चंडीगढ़ बैठे सीनियर अधिकारियों के नोटिस में पहुंच गया। इसके बाद सिविल अस्पताल की मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. गीता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी में सीनियर मैडीकल आफिसर डा. परमजीत सिंह, डा. हरवीन कौर, डा. रणवीर सिंह तथा डा. सच्चर शामिल हैं। कमेटी के आगे सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मृतक का कोई मैडीकल फाइल ही नहीं है तो मोर्चरी में मृतक का शव कैसे रखा गया, वह करीब एक महीने तक। यह कमेटी 2 दिन में पूरे मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।

दरअसल नियमों के मुताबिक जब व्यक्ति को अस्पताल दाखिल किया गया तो उस दौरान भी व्यक्ति का उपचार करने वाले डाक्टर ने सिविल अस्पताल में तैनात पुलिस गार्द को सूचित नहीं किया। इसके बाद व्यक्ति को वार्ड या फिर ट्रोमा वार्ड में शिफ्ट किया होगा तो वहां उसकी मौत होने के बाद भी संबंधित डॉक्टर ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी, जिसके बाद शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा और हैरानीजनक बात है कि मोर्चरी में तैनात स्टाफ को भी इतने दिनों तक पता नहीं चल पाया कि शव फ्रीजर में है। आखिरकार बदबू अधिक आने के बाद ही इस बात का खुलासा हो सका। मृतक के शव की तस्वीर पंजाब केसरी इसलिए प्रकाशित नहीं कर रही है, क्योंकि इतने दिनों तक शव मोर्चरी में पड़े रहने के कारण शव की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है और तस्वीर विचलित कर देने वाली है।

एक और लापरवाही, मृतक व्यक्ति की ट्रीटमैंट फाईल ही गायब
अस्पताल सूत्रों से पता चला है कि जिस दौरान व्यक्ति अस्पताल में दाखिल हुआ तो डयूटी पर तैनात डाक्टर ने उसका उपचार करने के बाद नोट्स उसकी फाईल में डाले। उक्त फाईल मोर्चरी इंचार्ज डा. बेअंत सिंह खुद ढूंढने हेतु एम.आर.डी. विभाग गए, लेकिन व्यक्ति की फाईल नहीं मिली। डॉ. बेअंत सिंह का कहना है कि फाईल नहीं मिली, जिस कारण पुरी कहानी साफ नहीं हो रही है। दूसरी ओर सोचने वाली बात है कि मृतक व्यक्ति की फाईल यदि गुम हो सकती है तो कल को अस्पताल में दाखिल कैदी या मारपीट में घायल लोगों की फाईलें भी गायब हो सकती हैं। गौर हो कि उक्त फाईलें अदालत में भी सबूत के तौर पर पेश होती हैं। 

लापरवाही सहन नहीं, आरोपी को खिलाफ होगा सख्त एक्शन: डा. गीता
डा. गीता ने कहा कि सिविल अस्पताल में किसी को भी लापरवाही से काम करने नहीं दिया जाएगा। चाहे डाक्टर हो, नर्सिंग स्टाफ या वार्ड अटैंडैंट पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आने के बाद जो  भी मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। 

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