Edited By Sunita sarangal,Updated: 10 Dec, 2019 08:53 AM

भाजपा जालंधर में आपसी फूट व गुटबंदी खुलकर सामने आ रही है। बीते दिनों रामामंडी में गांधी संकल्प यात्रा में हुए विवाद में भाजपा के आपसी मतभेद खुलकर सामने आए थे।
जालंधर(कमलेश): भाजपा जालंधर में आपसी फूट व गुटबंदी खुलकर सामने आ रही है। बीते दिनों रामामंडी में गांधी संकल्प यात्रा में हुए विवाद में भाजपा के आपसी मतभेद खुलकर सामने आए थे। इस दौरान विवाद को तूल देने में अकाली नेताओं का भी खूब हाथ रहा था और रैली में जमकर उत्पात मचा था। भाजपा के युवा मोर्चा के प्रधान को इस दौरान थप्पड़ तक जड़ दिया गया था।
पार्टी के ही सूत्र कहते हैं कि पार्टी में अंदरूनी वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। सभी अपने को ऊंचा दिखाना चाहते हैं और कुछ अपने डोलते हुए सिंहासन को बचाने की होड़ में हैं। सूत्रों की मानी जाए तो सारी लड़ाई की जड़ जालंधर का सैंट्रल हलका है। इस हलके में अपना लोहा मनाने के लिए पार्टी के 2 ग्रुप आमने-सामने हैं। इसी आमने-सामने की लड़ाई को रामामंडी में गांधी संकल्प यात्रा में उस समय देखने को मिला था, जब एक ग्रुप की जय-जयकार होती देख दूसरा ग्रुप बौखला उठा था। इसी तरह भाजपा के मंडल चुनावों में भी अपनी पार्टी के ही युवा नेता को चुनावों में शामिल होने से रोक दिया गया।
बात यहीं नहीं थमी कैंट में भी भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ते हुए दिखाई दिए और इसके अलावा मंडल नंबर-6 में भी भाजपा नेता नरेश विज ने उन्हीं की पार्टी द्वारा चुनाव में संविधान की धज्जियां उड़ाने के लिए पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। पार्टी के भीतर पड़ी यह फूट पार्टी को कहीं न कहीं बडा नुक्सान पहुंचाएगी और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी को इस फूट का खमियाजा भुगतना पड़ेगा। पार्टी के बीच उत्पन्न हुई यह कलह हाईकमान तक पहुंच चुकी है और हाईकमान आने वाले समय में एक सर्वे करवाकर गलत पाए जाने वाले नेताओं पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है।