Edited By Des raj,Updated: 14 Sep, 2018 10:18 PM
गर्भवती महिलाएं अगर शराब के सेवन की आदी हैं तो कोख में पल रहा बच्चा मंदबुद्धि हो सकता है। ज्यादा उम्र में होने वाली संतान भी मंदबुद्धि हो सकती है। अगर गर्भवती मां जंकफूड का सेवन करती हैं तो कोख में बच्चों का मानसिक संतुलन बिगडऩे का भय रहता है।...
अमृतसर (सफर, नवदीप): गर्भवती महिलाएं अगर शराब के सेवन की आदी हैं तो कोख में पल रहा बच्चा मंदबुद्धि हो सकता है। ज्यादा उम्र में होने वाली संतान भी मंदबुद्धि हो सकती है। अगर गर्भवती मां जंकफूड का सेवन करती हैं तो कोख में बच्चों का मानसिक संतुलन बिगडऩे का भय रहता है। पौष्टिक आहार गर्भवती महिलाओं को नहीं दिया जाता तो समझ लें कि जन्म लेने वाला शिशु कोख से कई बीमारियां लेकर जन्म लेगा। ऐसे में दिमाग का सिस्टम कम हो सकता है, बच्चे की सोचने व समझने की शक्ति कम हो जाती है।
37 सप्ताह में कोख में शिशु पूरी तरह से सभी अंगों का विकास हो जाता है, अगर बच्चा 28 या 30 सप्ताह में जन्म ले तो समझ लो कि बच्चे को कोख से कुछ ऐसी बीमारियां साथ लेकर पैदा हुआ हैं जिसके लक्षण जन्म लेने के 1 साल या यूं कहे 2 से 3 साल तक सामने आते हैं। अगर गर्भवती महिलाओं को पीलिया हो जाता है या फिर खून की कमी हो जाती है तो शिशु पर इसका भारी असर पड़ता है। देश -दुनिया में जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में ऐसे बच्चों की गिनती 4 से 5 होती है। ऐसे बच्चे ‘सेरेब्रल पॉलिसी’ का शिकार बन जाते हैं। जन्म से बच्चों को बुखार आना या जन्म के बाद पीलिया होने के पीछे मां के गर्भावस्था में पौष्टिक आहार न मिलना मुख्य कारण बनता है।