Edited By Sunita sarangal,Updated: 28 Aug, 2022 11:18 AM

उल्लेखनीय है कि अमृतसर के रणजीत एवेन्यू के सी-ब्लॉक में स्थित एस.आई. दिलबाग सिंह के घर के बाहर खड़ी उसकी कार के नीचे.........
अमृतसर/चंडीगढ़(संजीव/रमनजीत): अमृतसर में सब-इंस्पैक्टर की कार के नीचे बम लगाने के मामले में सातवें आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पंजाब पुलिस की राज्य में शांति भंग करने के लिए काम कर रहे गैंगस्टर-आतंकी गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। यह दावा डी.जी.पी. गौरव यादव ने किया। उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल मोटरसाइकिल भी बरामद कर लिया गया है। वारदात का मास्टरमाइंड कैनेडा में छिपकर बैठा गैंगस्टर लखबीर सिंह है।
उल्लेखनीय है कि अमृतसर के रणजीत एवेन्यू के सी-ब्लॉक में स्थित एस.आई. दिलबाग सिंह के घर के बाहर खड़ी उसकी कार के नीचे 16 अगस्त को मोटरसाइकिल सवार 2 व्यक्तियों ने आई.ई.डी. लगाई थी। स्थानीय पुलिस ने मौके से करीब 2.79 किलोग्राम वजन की मोबाइल फोन-ट्रिगरिंग आई.ई.डी. और 2.17 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। कार के नीचे प्रीफैबरीकेटेड आई.ई.डी. लगाने वाले गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान तरनतारन के गांव पट्टी निवासी दीपक (22) के रूप में हुई है जबकि लॉजिस्टिक, तकनीक और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले 6 अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान गांव सभरा तरनतारन के निवासी हरपाल सिंह (पंजाब पुलिस में कांस्टेबल) और फतेहदीप सिंह, हरीके (तरनतारन) निवासी राजिंद्र कुमार उर्फ बाऊ, भिक्खीविंड के रहने वाले खुशहालबीर सिंह उर्फ चिट्टू, वरिंद्र सिंह उर्फ अब्बू और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के रूप में हुई है। वरिंद्र और गोपी, जो गोइंदवाल जेल में बंद थे और लखबीर सिंह के करीबी हैं, ने निर्धारित जगह से आई.ई.डी. प्राप्त करने के लिए खुशहालबीर की मदद ली थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से दीपक द्वारा आई.ई.डी. लाने के लिए इस्तेमाल किया गया हीरो एच.एफ.-100 मोटरसाइकिल (पी.बी.38ई2670) और 5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसके अलावा फतेहदीप और हरपाल के कब्जे से 2.52 लाख रुपए और 3614 यू.एस. डॉलर, 220 यूरो, 170 पाऊंड और पासपोर्ट बरामद किए हैं।
डी.जी.पी. गौरव यादव ने बताया कि अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस को घटना के अगले ही दिन दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हरपाल और फतेहदीप जो मालदीव फरार होने की कोशिश कर रहे थे, की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में पहली सफलता मिली थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से पूछताछ में राजिंद्र बाऊ की शमूलियत का खुलासा हुआ, जोकि कोविड-19 टीकाकरण संबंधी सर्टीफिकेट न होने के कारण भारत से भागने में असफल रहने के बाद शिरडी भाग गया था। बाऊ को 20 अगस्त 2022 को ए.टी.एस. मुम्बई की सहायता से गिरफ्तार किया गया था। मामले की जांच के दौरान जेल के 2 कैदियों वरिंद्र और गुरप्रीत की भूमिका का भी पता चला जिन्होंने कैनेडा स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने लखबीर लंडा के निर्देशों पर आई.ई.डी. प्राप्त करने और इसको दीपक और उसके साथी को सौंपने के लिए खुशहालबीर चिट्टू और फतेहदीप की मदद ली थी। फिर दीपक और उसके साथी द्वारा यह आई.ई.डी. सब-इंस्पैक्टर की कार के नीचे लगाई गई। उन्होंने बताया कि खुशहालबीर को 21 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया गया था।
दीपक को मिली थी बम लगाने की जिम्मेदारी
गिरफ्तार किए गए दीपक को कार के नीचे बम लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी जिसने देर रात 2:00 बजे के करीब अपने साथी के साथ जाकर दिलबाग सिंह की कार में बम लगाया। इसके बाद वह और उसका साथी दिल्ली की ओर रवाना हो गए। सबसे पहले गिरफ्तार किए गए हरपाल सिंह और फतेह सिंह ने दीपक को मोटी राशि देने का वायदा किया था। दीपक को अदालत में पेश करने के बाद 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
कौन है लखबीर सिंह?
लखबीर सिंह (33) तरनतारन का रहने वाला है और 2017 में कैनेडा भाग गया था। उसने मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आर.पी.जी.) हमले की भी साजिश रची थी। वह पाकिस्तान आधारित वांछित गैंगस्टर हरविंद्र सिंह उर्फ रिंदा का करीबी माना जाता है, जिसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बी.के.आई.) के साथ हाथ मिलाया था।
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