Edited By Urmila,Updated: 12 Aug, 2025 04:18 PM

पंजाब बीजेपी नेता और रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
चंडीगढ़ : पंजाब बीजेपी नेता और रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने फिलहाल विजिलेंस को सोमवार तक गिल से पूछताछ करने से रोक दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। गौरतलब है कि गिल ने 1 अगस्त को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ली थी। महज 12 घंटे के भीतर ही विजिलेंस ब्यूरो ने उनके चार परिसरों पर छापेमारी की, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई।
रणजीत सिंह गिल ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में दो प्रमुख दलीलें दीं। गिल का कहना है कि भाजपा में शामिल होने के साथ ही उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार के दबाव में विजिलेंस ने बिना नोटिस या समन जारी किए तलाशी वारंट हासिल किए। उनके अनुसार विजिलेंस ने चार ठिकानों, जिनमें उनका निवास भी शामिल है, पर छापेमारी की, लेकिन कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई।
विजिलेंस विभाग ने यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े एक कथित अवैध वित्तीय नेटवर्क की जांच के तहत की है। विजिलेंस का दावा है कि मजीठिया और गिल के बीच करोड़ों रुपये के लेन-देन के सबूत मिले हैं। छापेमारी के दौरान विभाग ने कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेज जब्त किए हैं।
भाजपा नेता रणजीत सिंह गिल ने इस कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि विजिलेंस जिन लेन-देन की बात कर रही है, वे 2012 के हैं और वैध कंपनियों के बीच हुए व्यापारिक लेन-देन हैं। उन्होंने कहा कि यह जानकारी उनके आयकर रिकॉर्ड में भी मौजूद है।
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