Edited By Kamini,Updated: 25 Jun, 2024 07:55 PM
आधा दर्जन गांवों के लोग काफी चिंतित थे क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में पंजाब में मानसून जल्द ही दस्तक देने वाली है।
दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोराया) : जहां खस्ताहाल नांव के दूसरी तरफ रहने वाले आधा दर्जन गांवों के लोग काफी चिंतित थे क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में पंजाब में मानसून जल्द ही दस्तक देने वाली है। लेकिन अब यह किसानों के साथ-साथ अन्य आम लोगों के लिए भी बड़ी राहत का समय होगा।
विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मकौड़ा पत्तन पर पक्का पुल न बनने के कारण रावी नदी पार के 6 सीमावर्ती गांवों के हजारों लोगों के लिए मुश्किलों का दौर फिर से शुरू होने वाला है, लेकिन बरसात के मौसम में उन्हें ऐसे हालातों का सामना करना पड़ता है जो शायद ही आजाद भारत के किसी अन्य हिस्से में लोगों को करना पड़ा हो। हालांकि, इस मुश्किल दौर में इस बार उनके लिए एक राहत भरी खबर जरूर आई है, राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा अपने एमपी लीड फंड से मुहैया कराई गई 8 लाख रुपए की नई नांव मकौड़ा पत्तन पहुंच गई है। अब जब रावी नदी पर बना अस्थायी पुल हटा दिया जाएगा तो हजारों लोग इस नई सुरक्षित नांव से आर-पार कर सकेंगे। इससे पहले, इन लोगों को कई साल की पुरानी नांव में के जरिए जान को खतरे में डालकर नदी का सफर तय करना पड़ता था। हर साल की तरह पिछले साल भी बरसात के मौसम से पहले जिला प्रशासन द्वारा पीडब्लयूडी के अधिकारी जब मकौड़ा पत्नत पर अस्थायी पुल को उठाने के लिए तो नदी के पास गांवों के लोग और कीर्ति किसान यूनियन के नेता इसके विरोध में आ गए।
उन्होंने कहा कि पुल बनने के बाद उनके आने-जाने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। पीडबल्यूडी अधिाकरी का कहना है कि वह हर बार की तरह नांव जारी कर देंगे, लेकिन सीमावर्ती लोगों ने तर्क दिया कि जो नांव उपलब्ध कराई जा रही है वह कई साल पुरानी है। इसमें कई छेद हो गए हैं। यदि नांव नदी में चलाई जाए तो पानी अधिक होने के कारण डूबने का खतरा रहता है, जिससे कई लोगों की जान भी जा सकती है। अधिकारी कहते रहे कि नांव ठीक थी। लोग इस बात पर अड़े थे कि जब तक कोई नई या अधिक सुरक्षित नांव उपलब्ध नहीं करवाई जाती तब तक वे पुल को उठाने की नहीं देंगे। लेकिन आखिरकार लोगों का संघर्ष विफल रहा और यह नांव बीते दिन मकौड़ा पत्तन पहुंच गई है। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सिचेवल स्थिति का जायजा लेने के लिए कल मकौड़ा पत्तन पहुंच रहे हैं और उनके प्रयासों से पहुंची नाव को चालू करेंगे।
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