बुजुर्गों के लिए राहत भरी खबर, 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों को...

Edited By Kalash,Updated: 11 Aug, 2025 10:47 AM

good news for elderly people above 80

80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए अच्छी खबर है।

चंडीगढ़ (पाल): शहर के 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए अच्छी खबर है। हैल्थ विभाग अब उनके घर-घर जाकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की तैयारी में है। इस योजना के पहले चरण में 1,874 बुजुर्गों की पहचान की गई है। इनमें कई ऐसे हैं जो अकेले रहते हैं तो कई अपने परिवार के साथ रहते हुए भी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। हैल्थ निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि ए.एन.एम. टीम ने हाल ही में शहर में यह सर्वे पूरा किया है। इसके बाद विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का मकसद बुजुर्गों के स्वास्थ्य और मानसिक हौसले को मजबूत करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक 5 सदस्यीय टीम बुजुर्गों के घर-घर जाएगी। इस टीम में डॉक्टर, स्टाफ नर्स, अटैंडैंट और एंबुलेंस सेवा शामिल होगी। यह टीम बुजुर्गों की नियमित जांच करेगी, खासकर ब्लड प्रैशर, डायबिटीज जैसी आम लेकिन गंभीर बीमारियों पर ध्यान देगी। जरूरत पड़ने पर मरीज को जी.एम.एस.एच.-16 (गवर्नमैंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल) में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए खास तौर पर बुजुर्गों के लिए समर्पित एंबुलेंस सेवा होगी।

असहाय और गंभीर मरीजों को प्राथमिकता

हैल्थ निदेशक ने बताया कि इस योजना में सबसे पहले उन बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो बिल्कुल अकेले रहते हैं, चल-फिर नहीं सकते, दिव्यांग हैं या फिर बिस्तर पर ही पड़े रहते हैं। ऐसे असहाय और गंभीर मरीजों के लिए टीम न सिर्फ उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच करेगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर इलाज की हर सुविधा उनके घर तक पहुंचाएगी। मतलब अब इन बुजुर्गों को अस्पताल जाने की परेशानी नहीं होगी, बल्कि डॉक्टर, नर्स, अटेंडेंट और एंबुलैंस सेवा सीधे उनके दरवाजे पर पहुंचेगी।

पहले चरण में 80, फिर 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को शामिल किया जाएगा

डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि शुरूआत में इस योजना में केवल 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों को शामिल किया जा रहा है। पहले इन बुजुर्गों की जरूरतों को समझेंगे, फिर धीरे-धीरे 70 साल से ऊपर के लोगों को भी जोड़ा जाएगा। हैल्थ विभाग का मानना है कि घर पर जाकर स्वास्थ्य जांच करने से बुजुर्गों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। कई बुजुर्ग अस्पताल जाने से कतराते हैं या शारीरिक परेशानी की वजह से जा नहीं पाते। ऐसे में ये पहल उन्हें मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह से राहत देगी। यह योजना सिर्फ इलाज देने तक सीमित नहीं है, बल्कि बुजुर्गों के साथ मानवीय जुड़ाव भी बनाएगी। जब डॉक्टर और हैल्थ टीम उनके घर आएगी, उनकी बातें सुनेगी, समस्याएं समझेगी। अगर यह पायलट प्रोजैक्ट सफल रहा तो इसे पूरे चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। भविष्य में मोबाइल हैल्थ यूनिट और टैलीमेडिसिन सेवाएं भी जोड़ी जा सकती हैं, ताकि बुजुर्गों को अस्पतालों में लंबी कतारों से बचाया जा सके।

अस्पताल में भी नए इंतजाम वार्ड में खास हैल्प डैस्क बनाए जाएंगे

अस्पताल में भी बुजुर्गों और मरीजों की सुविधा के लिए नए इंतजाम किए जा रहे हैं। हाल ही में हुई 4वीं रोगी कल्याण समिति की बैठक में तय हुआ कि बुजुर्गों और बिस्तर पर पड़े मरीजों के लिए एक समर्पित एंबुलैंस सेवा शुरू की जाएगी। इसके अलावा, ओ.पी.डी., स्त्री रोग विभाग और इमरजेंसी वार्ड में खास हैल्प डेस्क बनाई जाएगी, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को तुरंत मदद मिल सके। वहीं, ऐसे मरीज जो बिना किसी परिजन के अस्पताल आते हैं, उनकी मदद के लिए छह देखभाल करने वाले अटेंडेंट तैनात किए जाएंगे, जो उन्हें इलाज से लेकर अन्य जरूरी कामों में सहायता करेंगे।

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