पंजाब के लोगों के लिए खतरे की घंटी! ब्यास नदी ने लिया भयावह रूप, टूटे बांध

Edited By Vatika,Updated: 11 Aug, 2025 01:44 PM

punjab panic situation

प्रशासन से मांग की कि हरिके हैड से जल्द पानी छोड़ा जाए और किसानों को बचाया जाए।

सुल्तानपुर लोधी (धीर): ब्यास नदी में बढ़ते जलस्तर ने अपना रूद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बीती रात भी जलस्तर और बढ़ने से किसानों द्वारा दिन भर मेहनत करके दोबारा लगाए गए अस्थायी बांध भी टूटने लगे हैं, जिससे धान की फसल फिर से पानी में डूब गई है। नहर विभाग द्वारा बाढ़ रोकने के लिए लगाए गए स्टड के ऊपर से अब पानी बहने लगा है और अगर ऐसे ही हालात रहे तो 2023 जैसी बाढ़ एक बार फिर धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाएगी।

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किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मिट्टी भरकर अस्थायी तटबंध को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण ये अस्थायी तटबंध भी कमजोर होने लगे हैं। किसान दिन-रात तटबंध पर कड़ी नजर रख रहे हैं, ताकि अगर रात में जलस्तर ज्यादा बढ़ जाए, तो उस स्थिति से कैसे निपटा जा सके? सरहाली वाले संत सुखा सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने के लिए जत्थेदारों को भेजा।मंड क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ जैसे हालात से चिंतित सरहाली वाले संप्रदाय के प्रमुख संत बाबा सुखा सिंह जी जो इतने दिनों विदेश दौरे पर कनाडा में हैं, ने अपनी ओर से डेरे से जत्थेदार बाबर सिंह, जत्थेदार जगमोहन सिंह, जसवंत सिंह, गुरचेत सिंह को बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए भेजा ताकि अगर किसी तरह की जरूरत पड़े तो संप्रदाय हर तरह से मदद करेगा। किसान नेता रछपाल सिंह संधू ने सरहाली साहिब से आए जत्थेदार बाबर सिंह व अन्य का स्वागत किया और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि किसान अपने स्तर पर ट्रॉलियों के माध्यम से मिट्टी सेवा कर रहे हैं।
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संधू ने आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है और कहा कि पता नहीं प्रशासनिक अधिकारी और विभाग के अधिकारी किस बांध पर जाकर फोटो खिंचवा रहे हैं और मीडिया के माध्यम से सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, जबकि किसान जल संरक्षण के लिए खुद ही मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि हरिके हैड से जल्द पानी छोड़ा जाए और किसानों को बचाया जाए।

मंड क्षेत्र के गांवों में स्थिति बनी नाजुक:-

ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से मंड क्षेत्र के गांव मंड धुंदा, खिजरवाल, चौधरीवाल, महिवाल, मोहम्मदाबाद आदि गांवों की हजारों एकड़ फसलें फिर से जलमग्न हो गई हैं और किसानों द्वारा जेसीबी व मिट्टी की मदद से बनाए गए बांध फिर से पानी के बहाव में टूट गए हैं और स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा ने मंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रही है और अभी तक सरकार ने प्रभावित किसानों की किसी भी तरह की सुध नहीं ली है। पानी से प्रभावित परिवारों ने पंजाब सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मदद की अपील की। मंड नेता किसान अमर सिंह मंड, शेर सिंह महिवाल ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने हरिके हेड से पानी नहीं छोड़ा तो किसान हाईवे पर धरना देने को मजबूर होंगे। इस मौके पर अमर सिंह मंड जिला अध्यक्ष किसान सेल, गुरमेज सिंह मेंबर, अमरीक सिंह बम्ब, भगवान सिंह, ओंकार सिंह व अन्य मौजूद थे।

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