Edited By Kamini,Updated: 03 Jun, 2024 02:51 PM
दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टमाइंड गोल्डी बराड़ का एक ऑडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ऑडियो में गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मुसेवाला की मौत व परिवार का जिक्र किया है।
पंजाब डेस्क : दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टमाइंड गोल्डी बराड़ का एक ऑडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ऑडियो में गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मुसेवाला की मौत व परिवार का जिक्र किया है। उसने कहा कि वह जिस सोसायटी का हिस्सा हैं उसमें कोई नहीं आना चाहता। गोल्डी बराड़ ने कहा कि वह ये ऑडियो अपने आपको सच साबित करने लिए वायरल नहीं कर रहा है। वह बुरे हैं और अपनी इस सोसायटी से बाहर भी नहीं आना चाहते।
इस ऑडियो में गोल्डी बराड़ कह रहा है कि उसे उन लोगों पर तरस आता है जिन्होंने न सर्दी देखी और न ही गर्मी और सिद्धू मूसेवाला के परिवार का सपोर्ट किया और हमारे खिलाफ बोले हैं। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि दुनियां बहुत कुछ बोलती है।
कैसा रखा बुराई में कदम
इस ऑडियो में गोल्डी बराड़ ने अपने जिन्दगी के सफर के बारे में बात करते हुए बताया कि उसके पास कोई रास्त नहीं था। एक समय वह 40-40 घंटे ट्रक चलाता था और उस समय वह लोगों के बीच अच्छा था। लेकिन अब कुछ नशेड़ियनों ने उसे गलत करार दे दिया है। गोल्डी ने आगे कहा कि आज तक उसने किसी का भी हक नहीं मारा है। अपने भाई की मौत से पहले उसने किसी का 5 पैसा नहीं देना है। 12 अक्तूबर 2020 में उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद वह गलत रास्ते पर चल पड़ा।
सिद्धू के पिता को लेकर बोले
गोल्डी बराड़ ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि मूसेवाला वाला पंथक सोच वाला था उसका पिता बलकौर सिद्धू लोगों को मिसगाइड कर रहा है। लेकिन मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि जो सोच सिद्धू मूसेवाला की थी वही उसके पिता बलकौर की है। जब से सिद्धू मूसेवाला की वोट बनी हैं उन्होंने सिर्फ कांग्रेस को ही वोट दी है। 1984 सहित कई सिखों के साथ बेइंसाफी के मामला आए हैं लेकिन बलकौर सिद्धू हमेशा कांग्रेस के साथ हैं। अगर लोग इन्हें शहीद का परिवार कहना चाहते हैं तो ये लोगों की मर्जी है। लेकिन ऐसा कह कर कृपया शहीदों की बेइज्जती न की जाए।
इस वजह से हुई सिद्धू मूसेवाला की मौत
गोल्डी बराड़ ने सिद्धू के राजनीति में कदम रखने की बात याद दिलाते हुए कहा कि जब मूसेवाला ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी तो उसके दफ्तर के उद्धाटन के समय बेअंत सिंह पोता रवनीत बिट्टू वहां पर पहुंचा था, जिसकी तस्वीर आज भी सोशल मीडिया पर मिल जाएगी। सिद्धू मूसेवाला को शहीद कैसे कह सकते हो। ये हमेशा पंथ के उलट चला है। यही नहीं 5 जून को संत भिंडरावाला की बरसी होती है लेकिन मुसेवाला दिल्ली में शो करने चला था। इस दिन तो कोई जन्मदिन भी नहीं मनाता है। ऐसा शो कौम के लिए शर्म की बात है क्योंकि इस शो में पहुंचने वाले हजारों की संख्या में लड़के-लड़िकयां शराब पीकर नाचते। लोगों ने भी इसका विरोध किया था लेकिन मूसेवाला ने कहा था कि उसका शो पहले से बुक हो गया था, तो क्या अब वह भूखे मार जाए।
इसी वजह से शायद सिद्धू मूसेवाला की मौत आई है। गोल्डी बराड़ ने कहा कि परमात्मा मूसेवाला को बहुत कुछ दिया था लेकिन उसे सब्र नहीं था। अगर सिद्धू मूसेवाला 29 मई को नहीं मरता तो 5 जून होनो वाले उक्त शो में कौम की काफी बदनामी होती। इसी वजह से उसकी मौत आई। गोल्डी ने कहा कि मुझे तो लगता है कि जो 'एसवाईएल' गाना उसकी मौत के बाद आया है वह भी उसने नहीं गाया है।
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