सिविल अस्पताल का कारनामा, Delivery करवाने आई महिला की बिना बताए कर दी नसबंदी

Edited By Vatika,Updated: 30 Oct, 2020 12:47 PM

failure to be delivered without informing the woman who came for delivery

सेहत विभाग का ज़िला स्तरीय सिविल अस्पताल फिर चर्चा में है।

अमृतसर (दलजीत): सेहत विभाग का ज़िला स्तरीय सिविल अस्पताल फिर चर्चा में है। अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक गर्भवती महिला की उसे बताए बिना ही नसबंदी कर दी गई। मरीज़ के परिवार ने जब हंगामा किया तो स्टाफ द्वारा कुछ देर बाद गुपचुप ढंग से नसबंदी खोल दी गई। मरीज की नसबंदी के बाद खून का काफी रिसाव हो गया।

जानकारी के अनुसार न्यू अमृतसर वाली आरती नामक 26 वर्षीय महिला 9 महीने की गर्भवती थी। गर्भावस्था का समय पूरा होने के कारण प्रसव के लिए आरती के परिजन उसे जिला स्तरील सिविल अस्पताल की गायनी वार्ड में बुधवार को लेकर आए। वीरवार को छोटे ऑपरेशन के जरिए आरती का प्रसव कर दिया गया। मरीज के देव रणजीत कुमार के अनुसार प्रसव के बाद आरती ने बेटी को जन्म दिया। जन्म से ही बेटी अस्वस्थ थी। स्टाफ ने उसे बच्चा वार्ड में इलाज करने की बजाय डेढ़ घंटा तक देखा नहीं। आरती ने गमें बताया कि उसकी नसबंदी भी कर दी गई है। जब मैंने इस संबंध में डॉक्टर व ए.एन.एम. से बात की तो वह बोली हमने नसबंदी नहीं की। इस संबंध में हमने शोर मचाया तो इसके बाद गायनी वार्ड के स्टाफ ने आरती की नसबंदी खोल दी।

वहीं मामले की जानकारी मिलते ही सिविल अस्पताल पहुंचे उत्तर प्रदेश कल्याण परिषद के प्रवक्ता रामभवन गोस्वामी ने भी डॉक्टर से बात की, पर उचित जवाब नहीं मिला। अब हम आरती का अल्ट्रासाउंड करवाकर यह पता लगाएंगे कि डॉक्टरों ने उनकी नसबंदी की थी या नहीं। सिविल अस्पताल के एस.एम.ओं. डॉ. चरणजीत सिंह का कहना है कि डिलीवरी के पश्चात महिला की इजाजत के बगैर नसबंदी नहीं की जा सकती। महिला व उसके स्वजनों की बाकायदा काऊंसलिंग की जाती है और फाइल तैयार करके नसबंदी की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस मामले में बोर्ड बनाकर जांच करवाऊंगा। 

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