Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 10:21 AM
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया कि आज भाजपा ने गुजराल नगर में यज्ञ करवा कर अपने चुनावी कार्यालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महासचिव अजय जोशी, रमन पब्बी, कृष्ण लाल ढल्ल , रवि महेंद्रू, नवल कम्बोज, अनिल सच्चर, दीवान अमित अरोड़ा,...
जालंधर (पाहवा): भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने बताया कि आज भाजपा ने गुजराल नगर में यज्ञ करवा कर अपने चुनावी कार्यालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महासचिव अजय जोशी, रमन पब्बी, कृष्ण लाल ढल्ल , रवि महेंद्रू, नवल कम्बोज, अनिल सच्चर, दीवान अमित अरोड़ा, रजत महेंद्रू, राकेश शांतिदूत, मनोरंजन कालिया, महेंद्र भगत, उपाध्यक्ष प्रवीण हांडा, प्रद्युम्मन ठुकराल, सुभाष भगत, संजय कालड़ा, कमल शर्मा, सोनू दिनकर, जुनैद आलम, सन्नी शर्मा, राकेश विज, हनी तलवाड़, मोती नाहर आदि मौजूद थे। इसके बाद 12 बजे चुनाव लडऩे के इच्छुक कार्यकत्र्ताओं को नामांकन फार्म देने शुरू किए गए। फार्म बांटने की जिम्मेदारी महासचिव अजय जोशी एवं रमन पब्बी को सौंपी गई है।
157 वर्करों ने जताई चुनाव लडऩे की इच्छा
शाम 5 बजे तक भाजपा के जिला चुनाव कार्यालय में 157 फार्म दिए गए। प्रति फार्म 500 रुपए लिए जा रहे हैं, जिनमें सक्रिय सदस्यता शुल्क 150 रुपए, कमल सुनेहा पत्रिका के 300 रुपए और आवेदन पत्र शुल्क 50 रुपए शामिल हैं। इनको भर कर जमा करवाने के लिए शनिवार सायं तक का समय दिया गया है। इसके बाद पार्टी की तरफ से इंटरव्यू लेकर फाइनल उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।
महिलाओं में भी खासा उत्साह
निगम चुनाव के लिए भाजपा की टिकट को महिलाओं में काफी उत्साह है। कुछ वार्डों में तो पुराने पार्षद अपनी पत्नियों के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि वार्ड नंबर 71 में 5, वार्ड नंबर 65 में 6 महिलाओं ने टिकट के लिए दावा ठोका है। इसी प्रकार वार्ड नंबर 76 के लिए सबसे अधिक 7 फार्म बेचे गए।
पुराने पार्षद भी फिर से सक्रिय
भाजपा के पहले पार्षद रहे नेताओं में भी कुछ आज फिर से मैदान में आ गए हैं। टिकट के लिए फार्म लेने वाले पहले पार्षदों मेंं भगवंत प्रभाकर, कमलजीत सिंह बेदी, मिंटा कोछड़, गोपाल गुप्ता व उनके भतीजे आशु गुप्ता, किरपाल पाली व सुलेखा प्रमुख हैं।
बिना टिकट मिले ही बन गए उम्मीदवार
भाजपा के कुछ नेताओं को चुनावी मैदान में आने का इस कदर शौक है कि उनसे पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी घोषित करने का इंतजार तक नहीं हो रहा। राष्ट्रीय स्तर की अनुशासनप्रिय पार्टी के ये नेता सैल्फ मेड कैंडीडेट बन कर प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुनीष विज के समर्थकों से भी इंतजार नहीं हुआ तथा उन्होंने सोशल मीडिया पर बकायदा विज को उम्मीदवार बना कर उनके पक्ष में प्रचार भी आरंभ कर दिया है।
क्या टिकट दावेदारी के फार्म बेचकर भाजपा औपचारिकता निभा रही है?
भाजपा के नेता मुनीष विज के समर्थकों ने जिस तरह से प्रचार आरंभ कर दिया है, उससे लगता है कि कुछ लोगों को टिकट दिए जाने की गारंटी अंदरखाते दे दी गई है, जिनमें भाजपा के विधायकों व प्रदेश व जिला पदाधिकारियों के खासमखास लोग शामिल हो सकते हैं। अब अगर पहले से तैयारी कर रहे ऐसे नेताओं को टिकट मिल जाती है तो यह साफ हो जाएगा कि पूरी गेम पहले ही बनी हुई थी तथा भाजपा के आम वर्कर को बेवजह टिकट दावेदारी के फार्म भरने के खेल में लगाए रखा गया।
वार्ड बंटवारे पर फैसला आज
जालंधर में भाजपा व अकाली दल के बीच वार्ड बंटवारे को लेकर पैदा ‘रिफ्ट’ बेशक चंडीगढ़ ट्रांसफर हो गई थी लेकिन अंतिम फैसला जालंधर में ही लिया जाएगा। इसके लिए भाजपा व अकाली दल की तालमेल कमेटी की एक बैठक शनिवार को जालंधर में होने जा रही है, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा। संभवत: दोपहर तक पूरी पिक्चर साफ हो जाएगी।
मतदाता सूची को लेकर परेशान भाजपा
भारतीय जनता पार्टी जालंधर के जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि शनिवार नामांकन दाखिल करने का पहला दिन है, परंतु अभी तक राजनीतिक दलों को ही पूरी वोटर सूचियां नहीं जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यालय को सिर्फ 37 वार्डों की लिस्ट ही प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार जल्द चुनाव करवाने के चक्कर में चुनाव करवाने की पूरी तैयारी नहीं कर पा रही है। जिन लोगों का राजनीतिक दलों से संबंध नहीं हैं यदि उनमें से कोई चुनाव लडऩा चाहता है तो वह सूची कहां से प्राप्त करेगा। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सरकार द्वारा नगर निगम के क्षेत्र में आने वाले शहर वासियों को चुनाव लडऩे से वंचित किया जा रहा है। कल से जब प्राप्त सूचियों की छानबीन की जाएगी तो पता चलेगा कि सभी वोटरों की वोटें उसमें हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव में प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के मापदंडों को ही अपनाया जाता है। परंतु कांग्रेस सरकार किसी भी नियम को न मानकर तानाशाह बनी हुई है। जब चुनाव आयोग अपनी सूची इंटरनैट पर डालता है और उसकी सी.डी. राजनीतिक दलों को मुहैया करवाता है तो ऐसे में प्रांतीय सरकार ऐसा न कर प्रांत के लोगों के साथ धोखा कर रही है। किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनने के लिए जमा कराए जाने वाले नामांकन पत्र में अपना वोटर नंबर, बूथ नंबर और वार्ड नंबर लिखना होता है। जब वोट सूची जारी नहीं की गई तो वह वोटर नामांकन प्रक्रिया में अभी हिस्सा नहीं ले पाएंगे जो कि यह उनके वैधानिक अधिकारों का हनन है।