Edited By Naresh Kumar,Updated: 04 Nov, 2018 10:18 AM
अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव की तैयारियों की बजाय पंजाब की दोनों विपक्षी पार्टियां अंदरूनी संकट से जूझ रही हैं। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी में मचे घमासान से कांग्रेस बागो-बाग है क्योंकि कांग्रेस को दोनों...
जालंधर(नरेश कुमार): अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव की तैयारियों की बजाय पंजाब की दोनों विपक्षी पार्टियां अंदरूनी संकट से जूझ रही हैं। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी में मचे घमासान से कांग्रेस बागो-बाग है क्योंकि कांग्रेस को दोनों पार्टियों के अंदरूनी संकट से फायदा होता नजर आ रहा है।
एक तरफ जहां अकाली दल में बिखराव से दो धड़े बन गए हैं उसी तरह आम आदमी पार्टी में भी बिखराव से पार्टी दो-फाड़ हो गई है। अकाली दल का संकट पंथक एजैंडा छोडऩे के कारण बढ़ रहा है जबकि आम आदमी पार्टी का संकट पार्टी के नेताओं के आपसी अहम का नतीजा है। इन दोनों पार्टियों में चल रही जंग को कांग्रेस मजे से देख रही है और अंदर ही अंदर लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी कर रही है। भाजपा इस पूरे खेल में मूकदर्शक की भूमिका में है क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की महज 3 सीटों पर चुनाव लड़ती है, लिहाजा उसके लिए लोकसभा चुनाव के लिहाज से पंजाब की कोई खास अहमियत नहीं है।
अकाली दल का सियासी संकट-अब तक का घटनाक्रम
- 2 सितम्बर-सुखदेव सिंह ढींडसा द्वारा अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के इस्तीफे की मांग
- 29 सितम्बर-ढींडसा का अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा
- 30 सितम्बर-टकसाली अकाली नेताओं की प्रैस कॉन्फ्रैंस में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का विरोध
- 7 अक्तूबर-नाराज टकसाली अकालियों ने पटियाला रैली से दूरी बनाई
- 18 अक्तूबर-चौतरफा विरोध के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का इस्तीफा
- 22 अक्तूबर-ज्ञानी हरप्रीत सिंह अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार बनाए गए
- 23 अक्तूबर-रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा का पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा
- 27 अक्तूबर-सेवा सिंह सेखवां ने सार्वजनिक तौर पर अकाली दल के अध्यक्ष सुखदीप बादल का विरोध किया
- 28 अक्तूबर-सुखबीर द्वारा इस्तीफे की पेशकश
- 29 अक्तूबर-चंडीगढ़ में अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग। पार्टी ने सुखबीर की अध्यक्षता में विश्वास जताया।
- 3 नवम्बर-सेवा सिंह सेखवां का अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा
- 3 नवम्बर-सेखवां को ऐलान के 2 घंटे के अंदर अकाली दल ने पार्टी से निकाला
आम आदमी पार्टी का संकट-अब तक का घटनाक्रम
- 26 जुलाई-सुखपाल खैहरा को नेता विपक्ष के पद से हटाया गया
- 2 अगस्त-खैहरा गुट ने बठिंडा में अलग कन्वैंशन की
- 25 सितम्बर-सुखपाल खैहरा ने बातचीत के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया
- 3 अक्तूबर-आम आदमी पार्टी ने 22 मैंबरों की कमेटी का गठन किया
- 16 अक्तूबर-आम आदमी पार्टी ने सर्बजीत माणूके के नेतृत्व में 5 सदस्यों की कमेटी बनाई
- 23 अक्तूबर-दोनों पक्षों की 5 सदस्यीय तालमेल कमेटी की पहली और एकमात्र मीटिंग
- 23 अक्तूबर-आम आदमी पार्टी में 14 सदस्यों के नए ढांचे का ऐलान किया
- 24 अक्तूबर-खैहरा ने नए ढांचे के ऐलान का विरोध किया और 1 नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिया
- 26 अक्तूबर-सर्बजीत माणूके की कंवर संधू को चिट्ठी, खैहरा गुट पर प्रधानगी मांगने के आरोप लगाए
- 29 अक्तूबर-दोआबा जोन के पूर्व इंचार्ज परमजीत सचदेवा का इस्तीफा
- 30 अक्तूबर-आम आदमी पार्टी ने एकतरफा तरीके से 5 लोकसभा उम्मीदवारों का ऐलान किया
- 1 नवम्बर-चंडीगढ़ में केजरीवाल बोले-खैहरा कोई मुद्दा नहीं
- 3 नवम्बर-सुखपाल खैहरा और कंवर संधू आम आदमी पार्टी से निलंबित