Edited By Kamini,Updated: 08 Aug, 2024 12:39 PM
नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण की समस्या के असली गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए पीपीसीबी के साथ मिलकर बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की जो मुहिम शुरू की गई है।
लुधियाना (हितेश) : नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण की समस्या के असली गुनहगारों को बेनकाब करने के लिए पीपीसीबी के साथ मिलकर बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की जो मुहिम शुरू की गई है, उसके तहत 4 दिन की बजाय आज से 36 घंटे तक महानगर के डाइंग यूनिट बंद रखने की सहमति बन गई है।
यह फैसला तीनों सीईटीपी के संचालकों व अन्य डाइंग मालिकों की डीसी साक्षी साहनी के साथ हुई मीटिंग के दौरान किया गया है। जिसकी पुष्टि पीडीए के अशोक मक्कड़ व कमल चौहान द्वारा की गई है कि बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की मुहिम के मद्देनजर वीरवार सुबह से लेकर शुक्रवार शाम तक महानगर के सभी डाइंग यूनिट को बंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के लिए हमेशा सिर्फ डाइंग यूनिटों को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि उन्होंने करोड़ों खर्च करके सीईटीपी लगाए गए हैं और पानी को निर्धारित मापदंडों के मुताबिक साफ करके छोड़ा जा रहा है। इस मुद्दे पर पिछले दिनों हुई मीटिंग के दौरान डाइंग मालिकों द्वारा उनके यूनि बंद करके बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की पेशकश की गई थी, क्योंकि रिपोर्ट में साफ हो जाएगा कि कौन सी इंडस्ट्री का केमिकल युक्त पानी बुड्ढे नाले में आ रहा है।
एनजीटी में पेश की जाएगी रिपोर्ट :
बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी केस चल रहा है, जहां से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले की सुनवाई 14 अगस्त को होने की सूचना है, उससे पहले नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा पीपीसीबी के साथ मिलकर बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की मुहिम शुरू की गई है। बताया जा रहा है इस संबंध में रिपोर्ट एनजीटी में पेश की जाएगी।
नगर निगम व पीपीसीबी से बुड्ढे नाले के मामले में एनजीटी के निर्देशों को लागू करने बारे रिपोर्ट देने के लिए बोला गया है। इसके अलावा विशेषज्ञों के जरिए 4 दिन तक बुड्ढे नाले में से पानी के सैंपल लेने की मुहिम शुरू की गई है। - डीसी, साक्षी साहनी
विधानसभा कमेटी द्वारा की गई है विजिलेंस या सीबीआई जांच की सिफारिश, गोगी ने फिर विजिट की साइट
बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के समाधान के नाम पर बनाए 650 करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस से विधानसभा की लोकल बॉडीज कमेटी भी संतुष्ट नही है। इस कमेटी की पिछले दिनों हुई मीटिंग से पहले चेयरमेन गुरप्रीत गोगी द्वारा खुद साइट पर जाकर बुड्ढे नाले का डिस्चार्ज चेक करवाया गया था और एसटीपी प्लांट अंडर कैपेसिटी होने की आशंका जताई गई है। यहां तक कि प्रोजेकट पूरे होने से पहले ही कंपनी को 95 फीसदी पेमेंट रिलीज करने के बावजूद बुड्ढे नाले में प्रदूषण का लेवल डाउन न होने के मद्देनजर विजिलेंस या सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। इसकी पुष्टि फिर बुड्ढे नाले की साइट पर पहुंचे विधायक गोगी द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि बुड्ढे नाले के प्रदूषण की वजह से लोग जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और इसके जिम्मेदार अफसरों को
हर हाल में सजा दिलाई जाएगी।
नगर निगम द्वारा पीपीसीबी के अफसरों की मौजूदगी में शुरू की गई है सैंपलिंग
डाइंग यूनिट बंद करने से पहले ही नगर निगम द्वारा पीपीसीबी के अफसरों की मौजूदगी में बुड्ढे नाले की सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। इस काम के लिए मोहाली की लैब से टीम को भी बुलाया गया है और ताजपुर रोड से लेकर बलोंके तक अलग-अलग प्वाइंटों से बुड्ढे नाले के सैंपल लिए गए हैं। यह मुहिम डाइंग यूनिट बंद रहने के दौरान व उसके बाद भी जारी रहेगी, जिसकी रिपोर्ट से काफी हद तक तक साफ हो जाएगा कि बुड्ढे नाले में किस तरह के घातक केमिकल या हेवी मेटल मौजूद हैं।
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