Edited By Urmila,Updated: 13 Feb, 2023 12:27 PM

10 साल रही अकाली भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मेयर राकेश राठौर के ड्रीम प्रोजेक्ट बर्लटन पार्क स्पोर्ट्स हब को कुछ नेताओं के टकराव कारण उस सरकार के कार्यकाल दौरान शुरू नहीं किया जा सका था
जालंधर (खुराना): 10 साल रही अकाली भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मेयर राकेश राठौर के ड्रीम प्रोजेक्ट बर्लटन पार्क स्पोर्ट्स हब को कुछ नेताओं के टकराव कारण उस सरकार के कार्यकाल दौरान शुरू नहीं किया जा सका था परंतु पिछले 5 साल पंजाब और जालंधर की सत्ता पर आसीन रही कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी स्पोर्ट्स हब प्रोजेक्ट को लेकर एक ईंट तक नहीं लगाई। गौरतलब है कि इस हब को बनाने का कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी ने स्मार्ट सिटी के अफसरों की नालायकी से तंग आकर नोटिस दे दिया था कि वह इन हालातों में प्रोजेक्ट का काम आगे नहीं बढ़ा पाएगी । खास बात यह है कि जो प्रोजेक्ट एक साल के भीतर खत्म होना था, 14 महीने बीत जाने के बाद बावजूद अभी तक वहां चारदीवारी का काम भी पूरा नहीं हुआ है और वह भी अधूरा पड़ा हुआ है, परंतु अब इस प्रोजैक्ट के शुरू होने की संभावनाएं बन गई हैं।
पता चला है कि निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने इस प्रोजैक्ट में दिलचस्पी दिखाई है और कुछ समय पहले बर्लटन पार्क स्पोर्ट्स हब के कन्सेप्चुअल डिजाइन को पास करवा लिया गया था। इसके स्ट्रक्चर डिजाईन को आई.आई.टी. पास भेजा गया था। डिजाइन में फेरबदल करके जल्द ही प्रोजैक्ट पर काम शुरू हो जाएगा ।
कांग्रेस को चुनावी फायदा दिलाने हेतु जल्दबाजी में किया गया था उद्घाटन
पिछले साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों दौरान कांग्रेसी उम्मीदवारों को चुनावी फायदा दिलाने के लिए उस समय के स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इस प्रोजैक्ट का जल्दबाजी में उद्घाटन करवा लिया था जो चुनावी कोड आफ कंडक्ट लगने से कुछ ही घंटे पहले 7 जनवरी को किया गया। बाद में स्मार्ट सिटी के उन्ही अधिकारियों ने इस प्रोजैक्ट की ओर कोई ध्यान ही नही दिया। ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी करने के बाद उसकी ड्राइंग में परिवर्तन करवाने के प्रयास होने लगे। एक अवसर पर तो निगम कमिश्नर पोस्ट पर रही दीपशिखा शर्मा ने इस प्रोजैक्ट की लागत बढ़ाने से इंकार कर दिया और उसके बाद भी स्मार्ट सिटी के अधिकारी इसकी ड्राइंग को भी फाइनल नहीं कर सके थे जो काम अब होने जा रहा है।
हर राजनीतिक दल ने खेल प्रेमियों को निराश ही किया
जब भाजपा के तत्कालीन मेयर राकेश राठौर ने इस प्रोजेक्ट का सपना लिया था तो उनकी पार्टी में ही उनके कुछ दुश्मनों ने इस प्रोजैक्ट का विरोध शुरू कर दिया था । उसके बाद भाजपा के ही सुनील ज्योति मेयर बने परंतु वह भी इस प्रोजेक्ट को चला नहीं पाए । 5 साल सरकार में रहे कांग्रेसियों ने भी खेल प्रेमियों को निराश ही किया और जो प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए का बना था , वह केवल 77 करोड़ तक सिमट गया। इस प्रोजैक्ट के तहत एक अतिरिक्त हॉकी मैदान की टर्फ़ बिछाने, क्रिकेट स्टेडियम बनाने, मल्टीपर्पज हाल, पार्किंग एरिया तथा पार्कों के सुधार इत्यादि के दावे किए गए परंतु सभी सरकारों से कुछ नहीं हो पाया। अब देखना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार इस स्पोर्ट्स हब का क्रेडिट ले पाती है या नहीं।
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