Edited By Vatika,Updated: 31 Mar, 2023 11:02 AM

आम आदमी पार्टी के फिरोजपुर विधायक रणबीर सिंह भुल्लर की शिकायत पर मुख्यमंत्री मान ने उक्त आदेश दिए थे।
पंजाब डेस्कः भगवंत मान सरकार की भ्रष्टचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर उस समय पानी फिर गया जब फिरोजपुर शहरी विधानसभा हलके में 10.28 करोड़ के घोटाले की जांच के आदेश के बावजूद भी अभी तक मुख्यमंत्री को जांच की रिपोर्ट नहीं गई । दरअसल, फिरोजपुर शहरी विधानसभा हलके के पूर्व कांग्रेसी एम.एल.ए. परमिंदर सिंह पिंकी की कथित मिलीभगत से 10.28 करोड़ के घोटाले का आरोप है, जिसकी जांच के आदेश सी.एम. मान ने अगस्त 2022 में दिए थे, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी के फिरोजपुर विधायक रणबीर सिंह भुल्लर की शिकायत पर मुख्यमंत्री मान ने उक्त आदेश दिए थे।
क्या है मामला
बता दें कि 2019 में बाढ़ से प्रभावित 37 गांवों के किसानों को मुआवजे के रूप में 10.28 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता जारी की गई थी लेकिन उक्त किसानों को कोई सहायता नहीं मिली। 2 सितंबर 2022 को वित्तीय आयुक्त राजस्व के.ए.पी. सिन्हा को तत्कालीन डीसी फिरोजपुर श्रीमती अमृत सिंह आई.ए.एस. को मामले की जांच करने और तुरंत सरकार को एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। करीब चार महीने तक यह फाइल डिप्टी कमिश्नर के पास रही और दिसंबर 2022 में तहसीलदार सुखबीर कौर को जीरो टॉलरेंस भ्रष्टचार नीति के तहत जांच करने और सरकार को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। तहसीलदार द्वारा पूछताछ के लिए 11 'पटवारियों' (क्षेत्रीय राजस्व अधिकारियों) को बुलाया गया था। उन्होंने तहसीलदार से कहा, "हमारे पास मुआवजे के वितरण का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अब कमिश्नर फिरोजपुर डिवीजन ने डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर को पत्र लिखकर कहा है कि इस कथित घोटाले की जांच की रिपोर्ट अभी तक उन्हें नहीं मिली, इसलिए तुरंत रिपोर्ट उनके कार्यालय में भेजी जाए ताजो इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पंजाब को भेज कर अगली कार्रवाई की जा सके।