Edited By Subhash Kapoor,Updated: 01 Feb, 2023 08:43 PM

एस.जी.पी.सी. कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान पेश किए गए 10वें बजट की कड़ी निंदा की है।
जालंधर : एस.जी.पी.सी. कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान पेश किए गए 10वें बजट की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बजट जहां पंजाब विरोधी है, वहीं इस बजट में महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार को लेकर भी कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पिछले पांच साल से ढोल पीट रही थी कि साल 2022 तक आमदनी दोगुनी होगी। उन्होंने कहा कि साल 2022 बीत गया लेकिन सरकार के किसी भी मंत्री ने देश के किसानों को यह नहीं बताया कि सरकार उनकी आय दोगुनी करने में क्यों विफल रही है।
बीबी जगीर कौर ने कहा कि मनरेगा के तहत 100 दिन के काम की गारंटी का कानून है, लेकिन मोदी सरकार ने देश के मजदूरों को औसतन 48 दिन का ही काम दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा का बजट 73 हजार से कम कर दिया गया। इसी तरह शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट कम करने से साफ हो जाता है कि केंद्र सरकार सिर्फ अडानी-अंबानी की सुध ले रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का बजट 2 प्रतिशत से भी कम कर दिया गया है, अब यह बजट घटाकर 1.98 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
बीबी जागीर कौर ने कहा कि भाजपा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा तो दे रही है, लेकिन महिलाओं के लिए बजट में कोई राशि नहीं रखी गई है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जब बजट पेश किया जा रहा था तो प्रधानमंत्री सहित भाजपा का हर नेता संसद का टेबल थपथपा रहे थे जबकि बजट में खुश होने की कोई बात ही नहीं है। इससे साफ है कि इसका गरीबी से कोई संबंध नहीं है और न ही गरीब से।
बीबी जगीर कौर ने कहा कि पंजाब के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए था जो लोगों के पेट भर रहा है। किसान एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन बजट में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र तक नहीं किया गया है।
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