Edited By swetha,Updated: 15 Feb, 2020 08:52 AM
टकसाली एक-एक करके वापस आएंगे : चीमा
जालंधर(बुलंद): राजनीति में कसमें-वायदे कोई मायने नहीं रखते। इसका सबूत एक बार फिर कल दिखाई दिया जब बोनी अजनाला और उसके पिता रतन सिंह अजनाला अकाली दल (बादल) में शामिल हुए। इससे पहले जब उन्होंने दिसम्बर 2018 में टकसाली अकाली दल की नींव रखी थी तो गुरु ग्रंथ साहिब के सामने कसमें खाई थीं कि सारी उम्र टकसाली अकाली दल के साथ गुजारेंगे लेकिन कुछ माह में ही कसमें धरी धराई रह गईं और दोनों अजनाला पिता-पुत्र गत दिवस शिअद की अमृतसर रैली के दौरान वापस शिअद में शामिल हो गए। अब राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर आने वाले दिनों में कितने और टकसाली नेता गुरु के सामने खाई कसमों से मुकरेंगे। सूत्रों के मुताबिक एक और टकसाली जरनैल बादलों के सम्पर्क में हैं।
टकसाली एक-एक करके वापस आएंगे : चीमा
वहीं अब अकाली दल के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में टकसाली अकाली दल के एक और मांझे के बड़े नेता को शिअद में शामिल किया जा सकता है। इस बारे अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि टकसाली अकाली दल असल में कांग्रेस के बहकावे में आकर बनी एक पार्टी है। टकसाली अकाली दल के कई नेता शिअद के साथ संपर्क में हैं जैसे-जैसे उन्हें अपनी गलतियों का अहसास होगा वे वापस अपने शिअद परिवार में आ जाएंगे, जैसे अजनाला पिता-पुत्र आए हैं।
कोई टकसाली शिअद में वापस नहीं जाएगा : ब्रह्मपुरा
वहीं टकसाली अकाली दल के नेता रविंद्र सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा कि शिअद प्रधान सुखबीर बादल की राजनीति पूरी तरह फेल साबित हो रही है इसलिए अब वह अपने पिता को दोबारा मैदान में लाए हैं। उन्होंने कहा कि बोनी अजनाला के शिअद में जाने से टकसाली अकाली दल को कोई फर्क नहीं पडऩे वाला क्योंकि वह किसी पद पर नहीं था। उन्होंने कहा कि अब कोई टकसाली पार्टी छोड़ कर शिअद में नहीं जाने वाला है।