Edited By Kamini,Updated: 05 Apr, 2022 02:57 PM

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पंजाब में काफी शानदार जीत हासिल की है। इतना...........
चंडीगढ़: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पंजाब में काफी शानदार जीत हासिल की है। इतना ही नहीं जानकारी मिली है कि पंजाब में 'आप' सरकार बनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने अभी से ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पंजाब में जीत के बाद केजरीवाल का बात करने का ढंग और राजनीतिक इच्छाशक्ति भी बदली हुई सी नजर आने लगी है। ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं कि क्या केजरीवाल का यह अतिआत्मविश्वास उनको मंजिल तक पहुंचाएगा? क्या अब अरविंद केजरीवाल का ध्यान दिल्ली से निकल कर राष्ट्रीय हो गया है?
सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल गुजरात को लेकर इतने ज्यादा फोकस हो गए हैं कि वह दूसरे दलों के कई दिग्गज नेताओं को पार्टी में जोड़ने में लगे हुए हैं। पार्टी के नेताओं का यह भी कहना है कि अगर गुजरात में जीत मिली तो 2024 का रास्ता अपने आप आसान हो जाएगा क्योकि इस जीत के आधार पर ही केजरीवाल का भविष्य होगा। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी द्वारा विदेशों में भारतीय मूल के लोगों को दिल्ली मॉडल के बारे में बता कर साल 2024 का खाका तैयार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि साफ-सूथरी छवि के आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अधिकारियों पर भी अरविंद केजरीवाल की नजर है।
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालीन ने दिल्ली के स्कूलों का दौरा किया था। इस दौरे में डी.एम.के. नेता और तमिलनाडु के सी.एम. स्टालीन की अरविंद केजरीवाल से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई है। इसी तरह पश्चिम बंगाल की सी.एम. ममता बनर्जी और केजरीवाल के संबंध भी काफी अच्छे बने हुए हैं। आम आदमी पार्टी ने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं या कर चुके लोगों को जोड़ने का अभियान शुरू किया है। विपक्ष दलों के नेताओं को लगातार पार्टी में शामिल किया जा रहा है।
तमिलनाडु के सी.एम. की दिल्ली की यात्रा और केजरीवाल के साथ स्कूल देखने जाना कोई साधारण घटना नजर नहीं आ रही है। केजरीवाल की राजनीति से बीजेपी कहीं न कहीं असहज महसूस कर रही है। ममता बनर्जी की भी केजरीवाल से नजदीकी है। पंजाब चुनाव जीतने के बाद अरविंद केजरीवाल की अब यह कोशिश है कि राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री करें। केजरीवाल को अच्छी तरह से पता है कि भाजपा से लड़ने के पार्टियों के छोटे-छोटे गुट बनाने होंगे। आने वाले दिनों में यह फ्री की योजनाएं केंद्र और राज्यों में टकराव का कारण बन सकता है। केजरीवाल इसका फायदा भी उठाने की कोशिश
दिल्ली की कई योजनाएं जैसे घरों में राशन पहुंचाने का मुद्दा केजरीवाल बीजेपी पर गरीब विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाएंगे इसलिए भाजपा भी अब समझ चुकी है कि 2024 में मुफ्त योजनाओं पर राजनीति शुरू होगी। बता दें भाजपा शासित राज्यों में मुफ्त राशन जैसी योजनाएं अभी तक वापस नहीं ली गई हैं। चिंता है कि क्षेत्रीय पार्टियां खासकर आम आदमी पार्टी मुफ्त बिजली, पानी और मकान का मुद्दा बना कर 2024 में घेरने की कोशिश करेगी।
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