Edited By Vatika,Updated: 07 Dec, 2019 10:12 AM
गांव किरतोवाल के नजदीक वीरवार की रात सड़क पर जला हुआ शव मिलने के बाद जिला पुलिस ने जांच के दौरान गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है,
तरनतारन(रमन): गांव किरतोवाल के नजदीक वीरवार की रात सड़क पर जला हुआ शव मिलने के बाद जिला पुलिस ने जांच के दौरान गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसमें यह बात सामने आ रही है कि वह शव कोल्ड ड्रिंक के होलसेलर अनूप सिंह का नहीं था, जबकि अनूप सिंह ने ही अपने करोड़ों के बीमा का क्लेम हासिल करने के लिए साजिश रचते हुए अमृतसर से एक भिखारी को अगवा किया था और इसके बाद उसने छोटे भाई करनदीप के साथ उसे शराब पिलाई, फिर तेजधार हथियारों से उसका कत्ल कर दूसरी कार से उसे घटनास्थल पर लाया गया।
इसके बाद भिखारी को ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया। फिर अपनी कार वहां खड़ी कर फरार हो गया। अनूप ने परिवार वालों के साथ यह वारदात करोड़ों रुपए का बीमा क्लेम हासिल करने के लिए की थी। वहीं 24 घंटे में केस को हल करते हुए मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने अनूप सिंह के पिता और छोटे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरूआती जांच में पता चला है कि अनूप सिंह पुत्र तरलोक सिंह निवासी झब्बाल रोड अमृतसर ने अपने नाम पर करोड़ों रुपए का बीमा हाल ही में करवाया था। पुलिस ने इस इंश्योरैंस कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की तो पता चला कि अनूप सिंह और उसके परिवार ने करोड़ों रुपए की बीमा राशि हासिल करने के लिए साजिश रची थी। एस.एस.पी. ध्रुव दहिया के आदेश पर बनाई टीम की अगुवाई एस.पी. जगजीत सिंह वालिया ने की और टीम में शामिल डी.एस.पी. पट्टी कंवलप्रीत सिंह, थाना हरीके पत्तन प्रभारी जनरैल सिंह द्वारा की गई कार्रवाई से पूरा भेद खुल गया।
10 दिन पहले ही रची गई थी साजिश
बताया जाता है कि अनूप सिंह ने यह साजिश करीब 10 दिन पहले ही रची थी। इसके तहत उसने भिखारी से दोस्ती की फिर शराब पिलानी शुरू कर दी, ताकि उसको आने वाले समय में बलि का बकरा बनाया जा सके। वहीं पुलिस पार्टियां अनूप सिंह को काबू करने के लिए हरियाणा रवाना हो चुकी हैं। एस.पी. (आई) जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि केस को पुलिस हल कर रही है। इस संबंध में जल्द एस.एस.पी. ध्रुव दहिया की ओर से प्रैंस कान्फ्रैंस की जाएगी।
घटना को अंजाम देने के बाद अनूप हरियाणा के लिए हो गया था रवाना
सूत्रों से पता चला है कि घटना को अंजाम देने के बाद अनूप सिंह हरियाणा के लिए रवाना हो गया और उसका भाई करनदीप सिंह अपने घर अमृतसर आ गया। अगले दिन करनदीप सिंह और उसका पिता थाना हरीके पत्तन में मगरमच्छ के आंसू बहाते हुए पहुंचे और रोने का नाटक शुरू कर दिया।