Edited By Suraj Thakur,Updated: 28 Mar, 2020 11:58 PM
ICMR शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बताया है कि जिन लोगों ने विदेशी यात्रा नहीं की है, उन लोगों में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
जालंधर। भारत सरकार ने कोरोनावायरस के तीसरे चरण में प्रवेश करने के संकेत दिए हैं। मतलब कि देश में सामुदायिक स्तर पर कोरोना लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक सांस की गंभीर तकलीफ "acute respiratory illness SARI" के ऐस मरीजों कोविड-19 का संक्रमण पाया गया है, जिनका कोई अंतर्राष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है और न ही वे कोरोना के संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए थे।
ICMR के संक्रमण विभाग प्रमुख डॉ आर गंगाखेड़कर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के यह जानकारी देते हुए बताया है कि जिन लोगों ने विदेशी यात्रा नहीं की है, उन लोगों में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। हालांकि यह लोग संख्या में कितने हैं, इस बात का उन्होंने खुलासा नहीं किया है। गंगाखेड़कर ने इन मामलों को छिटपुट बताते हुए कोविद-19 को सामुदायिक स्तर पर फैलने से इनकार किया।मीडिया में सूत्रों के हवाले से सामने आई एक खबर के मुताबिक SARI के 110-120 नमूनों के बीच 10 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स के पूर्व प्रमुख टी सुंदरारमन ने कहा कि भले ही इस तरह के मामलों की संख्या कम है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत संक्रमण के तीसरे चरण में पहुंच चुका है।
डाउन टू अर्थ को दिए एक बयान में उन्होंने कहा है कि "जब हम इस मामले को इतनी कम जांच के आंकड़े से देखते हैं तो स्थिति चिंताजनक लगती है। जांच के दायरे को कागज पर तो बढ़ाया गया है लेकिन जमीन पर पुराने तरीके से ही सीमित लोगों की जांच की जा रही है। सांस लेने में गंभीर तकलीफ वाले मरीजों की कोविड-19 संक्रमण की जांच कराना काफी मुश्किल है, जबकि गाइडलाइन में ऐसा करने को कहा गया है" वह कहते हैं कि "उन्हें लगता है अब संक्रमण किस स्तर पर है इसकी चर्चा करने के बजाए हमें अपने सारे संसाधनों को सही तरह से इस्तेमाल में लाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और अस्पतालों को तीसरे स्तर के लिए तैयार रहना चाहिए"।