हॉस्टल में ट्रेनियों की शराब की बोतलों के साथ वायरल फोटोज का मामला: जांच को चंडीगढ़ से पहुंची टीम

Edited By Vatika,Updated: 25 Feb, 2020 11:21 AM

case of viral photos with bottles of liquor of trains in hostels

स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) द्वारा लुधियाना में चलाए जा रहे साई ट्रेनिंग सैंटर (एस.टी.सी.) के हॉस्टल में हाथ में शराब की बोतलें पकड़े खिलाडिय़ों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जहां हड़कंप मच गया है

लुधियाना(विक्की): स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) द्वारा लुधियाना में चलाए जा रहे साई ट्रेनिंग सैंटर (एस.टी.सी.) के हॉस्टल में हाथ में शराब की बोतलें पकड़े खिलाडिय़ों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जहां हड़कंप मच गया है, वहीं उक्त मामला लापरवाही बरतने वाले स्टाफ के गले की फांस भी बन गया है। अब सवाल तो यह है कि सैंटर के हॉस्टल के अंदर शराब की बोतलें पहुंची कैसे? इस बात का जवाब देने को कोई भी तैयार नहीं।

हैरानीजनक बात तो यह है कि पार्टी के लिए हॅास्टल में लाई गई शराब की इन बोतलों के बारे में न तो उस समय किसी को मालूम पड़ा और न ही उसके बाद। मामले की परतें तब खुलीं, जब इन्हीं में से किसी टे्रनी ने सोशल मीडिया पर फोटोज़ को अपलोड कर दिया। अगर सोशल मीडिया पर यह फोटोज़ अपलोड न होती तो शायद आज भी मामला ध्यान में न आता। फोटोज़ के आधार पर एक प्राइवेट जूड़ो कोच वरिंद्रपाल सिंह ने साई अधिकारियों को मेल करके शिकायत की। वहीं शिकायत मिलते ही साईं रिजनल ट्रेङ्क्षनग सैंटर चंडीगढ़ की टीम ने सोमवार को साई ट्रेनिंग सैंटर लुधियाना में पहुंचकर मामले की जांच की। 2 मैंबरी कमेटी ने करीब 7 घंटे तक शिकायत से जुड़े पहलुओं को बारीकी से जांचा और हास्टल में रह रहे सभी खिलाडिय़ों के बयान भी लिए। इसके अलावा जांच टीम ने शराब हाथ में पकड़े खिलाडिय़ों की वायरल हुई तस्वीरों के आधार पर स्टाफ व सिक्योरिटी के लिखित बयान भी लिए। 

दिसम्बर महीने की बताई जा रही वायरल हुई फोटोज 
वहीं एस.टी.सी. सूत्रों ने बताया कि वायरल हुई फोटोज़ दिसम्बर महीने की हैं। तस्वीरों में जिन 5 खिलाडिय़ों ने हाथों में शराब की बोतलें पकड़ी हैं, उनमें से 1 खिलाड़ी दिसम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में एस.टी.सी. छोड़कर चला गया था, जबकि 4 अन्य खिलाड़ी अभी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि एस.टी.सी. में मौजूदा समय में कुल 26 खिलाड़ी हास्टल में रह रहे हैं, जिनमें से हैंडबाल के 14, जूडो व एथलैटिक्स के 6-6 खिलाड़ी हैं। 

प्राइवेट जूडो कोच ने की यह शिकायत 
जूडो की प्राइवेट कोचिंग देने वाले कोच वरिंद्रपाल सिंह जो कि स्वयं भी नैशनल प्लेयर हैं, ने गत दिवस उक्त वायरल हुई फोटोज़ के आधार पर साईं सैंटर दिल्ली व चंडीगढ़ में शिकायत भी की। शिकायत में वरिंद्रपाल ने साईं ट्रेनिंग सैंटर के खिलाडिय़ों को दी जाने वाली कोचिंग पर सवाल खड़े करते हुए कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिकायत के साथ फोटोज़ भेजते हुए लिखा है कि उक्त तस्वीरें साईं हॉस्टल की कार्यशैली को स्वयं ही बयां कर रही हैं। एस.टी.सी. के कोचिज़ भी सैंटर के गिरते स्तर के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह अपनी शिकायत में किसी खिलाड़ी का भविष्य दांव पर नहीं लगाने चाहते, लेकिन सिस्टम में सुधार करवाना उनका उद्देश्य है। 
 

एस.टी.सी. के सिस्टम पर खड़े होने वाले सवाल
अब बात अगर एस.टी.सी. के सिक्योटिरी सिस्टम की करें तो सबसे पहला सवाल उठता है कि यहां कोचिंग के बाद वापस आने वाले खिलाडिय़ों के बैग चैक क्यों नहीं होते? अगर बैग चैक किए होते तो शायद शराब की बोतलें हास्टल के अंदर न पहुंचती। वहीं जिस पार्टी को लेकर यह मामला शुरू हुआ तो क्या पार्टी के दौरान कोई भी जिम्मेदार अधिकारी हास्टल में मौजूद नहीं था? अगर था तो उसे भी हाथों में शराब की बोतलें हिलाकर फोटो खिंचवाते खिलाड़ी दिखाई क्यों नहीं दिए?

पी.आई.एस. के खिलाडिय़ों को एस.टी.सी. का हॅास्टल दे सरकार : पन्नू 
उधर, द्रोणाचार्य अवार्डी कोच एवं एस.टी.सी. के पूर्व इंचार्ज सुखदेव सिंह पन्नू ने भी उक्त मामले को निंदनीय करार दिया है। पन्नू ने कहा कि साई के अधिकारियों को उक्त मामले की तह तक जांच करनी चाहिए, ताकि लापरवाही करने वाले सामने आ सकें। उन्होंने कहा कि साई ट्रेनिंग सैंटर को इन दिनों खिलाड़ी ही नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को चाहिए कि साई से हास्टल वापस लेकर पंजाब स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोट्र्स के ट्रेनियों को इसमें सहूलतें प्रदान की जाएं।

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