Edited By Kalash,Updated: 17 Jul, 2024 12:18 PM
बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना के तहत किनारे पर लाइन बिछाने व एस.टी.पीज. की अपग्रेडेशन संबंधी डी.पी.आर. बनाने से लेकर ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का कंट्रोल संभाल रहे सीवरेज बोर्ड के अफसरों को ही इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी नही है।
लुधियाना (हितेश): बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना के तहत किनारे पर लाइन बिछाने व एस.टी.पीज. की अपग्रेडेशन संबंधी डी.पी.आर. बनाने से लेकर ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का कंट्रोल संभाल रहे सीवरेज बोर्ड के अफसरों को ही इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी नही है। यह खुलासा बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने के मुद्दे पर गठित की विधानसभा कमेटी की मीटिंग में हुआ है।
इस दौरान स्केटेड डाइंग यूनिटों को साफ किया गया पानी सीवरेज में छोड़ने से रोकने के लिए जारी नोटिसों को लेकर चर्चा हुई। क्योंकि इंडस्ट्री एरिया में स्थित डाइंग मालिकों का दावा है कि जमालपुर में 225 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. लगाने की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ही उनके यूनिटों का साफ किया गया 25 एम.एल.डी. पानी लेने का प्रावधान रखा गया था। लेकिन मीटिंग में मौजूद सीवरेज बोर्ड के अफसरों को इस संबंधी पूरी जानकारी ही नही थी और न ही वह अफसर एस.टी.पी. के डिजाइन में 250 बी.ओ.डी. लेवल के पानी को लेने की केपेसिटी होने बारे डाइंग मालिकों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे का कोई संतोषजनक जवाब दे पाए। इसके मद्देनजर विधानसभा कमेटी द्वारा दोबारा मीटिंग रखने का फैसला किया गया है, जिसमें सीवरेज बोर्ड के साथ नगर निगम, पी.पी.सी.बी., ड्रेनेज विभाग के अफसरों को बुलाया जाएगा।
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