जालंधर के लीडरों को पड़ा “ठेकेदारी” का चस्का

Edited By Sunita sarangal,Updated: 24 Jan, 2021 12:09 PM

jalandhar leaders get contractual

नगर निगम और शहर में आजकल कुछ नेता चर्चा का विषय बने हुए हैं और ये नेता निगम में काफी प्रभावशाली.........

जालंधर(सोमनाथ): नगर निगम और शहर में आजकल कुछ नेता चर्चा का विषय बने हुए हैं और ये नेता निगम में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। चर्चा का कारण है कि इन नेताओं ने अब ठेकेदारी शुरू कर दी है। इन नेताओं के ठेकेदारी में उतरने से निगम के ठेकेदारों में भारी रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के खुद ठेकेदार बनने से उन्हें अपनी रोटी की फिक्र पड़ गई है तथा ये नेता ही बड़े-बड़े ठेके लेने लगेंगे तो वे लोग क्या करेंगे? ठेकेदारों ने कहा कि पिछले दिनों नगर निगम की पार्षद हाऊस की बैठक में करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित हुए हैं और उन्हें आशंका है कि ये नेता-कम-ठेकेदार कई विकास कार्य अपने हाथों में ले लेंगे।

पहले शिकायत, फिर सिफारिश करते है नेता
ठेकेदारों ने कहा कि शहर के कुछ जनप्रतिनिधि तो ऐसे हैं जो पहले बिल्डिंग ब्रांच में शहर में बन रही बिल्डिंगों की शिकायत करते हैं और जब अधिकारी जांच करने जाता है तो फिर खुद ही सिफारिशें करनी शुरू कर देते हैं, जिससे अधिकारियों के हाथ बंध जाते हैं। यही कारण है कि अधिकारी बिल्डिंग बॉयलाज के खिलाफ बन रही इमारतों पर कार्रवाई नहीं कर पाते हैं।

अधिकारियों को 18 कॉलोनियों पर कार्रवाई से किसने रोका?
बिल्डिंग एडहॉक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा और कमेटी मैंबर सुशील कालिया करीब एक वर्ष से शहर में अस्तित्व में आई अवैध कॉलोनियों और बिल्डिंग बॉयलाज के खिलाफ बनी इमारतों का मामला उठा रहे हैं। पिछले महीने निगम कमिश्नर करणेश शर्मा के जे.डी.ए. के मुख्य प्रशासक का पद्भार संभाले जाने के बाद कुछ अवैध कॉलोनियों के खिलाफ एफ.आई.आर. हुईं मगर अक्तूबर महीने में एडहॉक कमेटी द्वारा कैंट हलके में जिन 18 कॉलोनियों का मामला उठाया गया था, उन पर कार्रवाई तो क्या होनी थी उलटा 18 और कॉलोनियां अस्तित्व में आ गईं।

एडहॉक कमेटी द्वारा रामा मंडी एरिया में नई काटी गई 18 कॉलोनियों में निगम की तरफ से साइन बोर्ड लगाने की सिफारिश की गई थी लेकिन वह सिफारिश में फाइल बन कर रह गई है। हालात यह हैं कि बीते कल जब एडहॉक कमेटी की अधिकारियों के साथ बैठक हुई तो उन्हें कोई अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिला।

इस पर कमेटी द्वारा मेयर जगदीश राज राजा को शिकायत की गई। खुद मेयर शाम करीब साढ़े चार बजे निगम ऑफिस आए और अधिकारियों की क्लास लगाई। फिलहाल मेयर ने अधिकारियों को सोमवार तक जवाब देने को कहा है मगर सवाल यह पैदा हो रहा है कि कैंट विधानसभा हलके और रामा मंडी में जो 18-18 कॉलोनियां अस्तित्व में आई हैं, इन कॉलोनियों के खिलाफ अधिकारियों को कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है।

अवैध कॉलोनियों में पानी के कनैक्शनों का नहीं मिल रहा हिसाब
बीते वर्ष ओ.एंड एम. के चेयरमैन पवन कुमार द्वारा अधिकारियों को अवैध कॉलोनियों में निगम की तरफ से दिए गए पानी और सीवरेज के कनैक्शन की लिस्टें तैयार करके सौंपने को कहा गया था, लेकिन अभी तक ये लिस्टें तो तैयार नहीं हो पाई हैं मगर जो दिन-प्रतिदिन अवैध कॉलोनियां कट रही हैं, उनमें पानी के कनैक्शन जरूर दिए जा रहे हैं। इस कारण नेता अपनी वोटें बता रहे हैं।

कौंसलर और विधायकों का तो यह भी कहना है कि वे जनप्रतिधि हैं और उनका काम जनता को सुविधा देना हैं। जनता की सुविधा के लिए पानी, सीवरेज और बिजली के कनैक्शन दिए जाने जरूरी हैं। हां, जो लोग नियमों के खिलाफ निर्माण करते हैं उन पर कार्रवाई करना अधिकारियों का काम है।

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