Edited By Vatika,Updated: 06 Nov, 2018 04:17 PM
साल भर के काफी इंतजार के बाद खुशियों का त्यौहार व दीपों का पर्व दीपावली आता है। इस अवसर पर बच्चे और बड़े मिठाइयों, पटाखों और दीयों की रोशनी का खूब आनन्द उठाते हैं। लेकिन काफी इंतजार के बाद मनाने को मिला यह त्यौहार खुशियों के बजाय दुख में न बदल जाए,...
बठिंडा: साल भर के काफी इंतजार के बाद खुशियों का त्यौहार व दीपों का पर्व दीपावली आता है। इस अवसर पर बच्चे और बड़े मिठाइयों, पटाखों और दीयों की रोशनी का खूब आनन्द उठाते हैं। लेकिन काफी इंतजार के बाद मनाने को मिला यह त्यौहार खुशियों के बजाय दुख में न बदल जाए, इस बात का हमें पूरा ध्यान रखना चाहिए। दीवाली के अवसर पर बच्चों व बुजुर्गों विशेषकर बीमारों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि उनके लिए दीवाली मुश्किलों का सबब न बन सके। ऐसे में पटाखे चलाते वक्त विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि खुशियों का ये त्यौहार खुशियों के साथ ही संपन्न हो।
क्या हो सकती हैं दिक्कतें
-तेज धमाकों के कारण बच्चों के कानों को हो सकता है नुक्सान।
-अधिक रोशनी से चुंधिया सकती हैं बच्चों की आंखें।
-बुजुर्गों को भी पटाखों की तेज आवाजें कर सकती हैं परेशान।
-बीमार लोगों की समस्या भी बढ़ा सकते हैं पटाखे।
-कुछ लोगों को पटाखों के प्रदूषण से हो सकती है एलर्जी।
-जानवरों व पक्षियों के लिए भी घातक हो सकती है आतिशबाजी।
-दिल के मरीजों के लिए भी पटाखों आदि से खतरा बढ़ जाता है।
-पटाखों का प्रदूषण आंखों में जलन आदि की समस्या भी पैदा करता है।
इन बातों का रखें ध्यान
-दीवाली के अवसर पर छोटे बच्चों को पटाखों-आतिशबाजी से दूर रखें।
-कुछ बड़े बच्चों के साथ अपनी देखरेख में ही आतिशबाजी करवाएं।
-बुजुर्गों को पटाखों आदि से तकलीफ न हो इसका विशेष प्रबंध करें।
-पटाखे चलाते वक्त बच्चों को रेशमी परिधानों के बजाय सूती कपड़े पहनाएं।
-नवजात एवं बहुत छोटे बच्चों के कानों में रूई डालकर रखें।
-बच्चों को घर के अंदर के बजाय खुले में पटाखे चलाने के लिए प्रेरित करें।
-घरों में दीयों व मोमबत्तियों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
-बच्चे बिजली की लडिय़ों को न छू पाएं, इसका ध्यान रखें।
-पेड़ों के नीचे भी पटाखे चलाने से करें गुरेज।
-पटाखे चलाते दौरान ढीले कपड़ों के बजाय चुस्त कपड़े पहनें।
बड़े भी रखें इन बातों का ख्याल
-पटाखे हमेशा सावधानी से चलाएं व दिखावे से दूर रहें।
-कोई नशा करके आतिशबाजी या पटाखे आदि न चलाएं।
-पटाखों को अपनी जेबों में रखने की गलती कभी न करें।
-बिजली के खम्भों व तारों के नीचे आतिशबाजी न करें।
- घरों में दीये रखते वक्त उन्हें पटाखों आदि से दूर रखें।
-पटाखों से जलने के बाद घबराएं नहीं व धैर्य से काम लें।
-जले हुए हिस्सों को नल के नीचे रखें व पेस्ट आदि न लगाएं।
-चेहरे या आंखों को नुक्सान पहुंचने पर तुरंत डाक्टरी सहायता लें।