Edited By Radhika Salwan,Updated: 13 Jul, 2024 04:09 PM
पिछले कई दिनों से पंजाब के विभिन्न राज्यों में हो रही भारी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं मिट्टी की झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों की सांसें सूख गई हैं।
अमृतसर- पिछले कई दिनों से पंजाब के विभिन्न राज्यों में हो रही भारी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं मिट्टी की झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों की सांसें सूख गई हैं। अमृतसर में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से मौसम काफी बदल गया है। पहाड़ी इलाकों में घूमने जाने वाले लोगों को शहर में रहकर ही वहां के नज़ारों का एहसास होने लगा है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण ठंडी हवाओं ने गर्मी के कारण लोगों के पसीने रोक दिए हैं। बीते बुधवार से छाए बादलों ने लोगों को थोड़ी राहत दी और अब लगातार हो रही बारिश ने हिल स्टेशनों का माहौल बना दिया है।
इस संबंध में किसान मुख्तार सिंह महवा, गुरदेव सिंह सुल्तानविंड, मनिंदर सिंह मावा, गुरभज सिंह सुल्तानविंड, वसन सिंह और सुखराज सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि लंबे समय के बाद धान की फसल लगाते समय अमृतसर में भारी बारिश हुई है, जिस कारण किसानों के चहरे उज्ज्वल हैं। इसके साथ ही बिजली की खपत भी कम होगी क्योंकि बारिश के कारण खेतों में लगे उरकरण भी कम चल रहे हैं।
दूसरी ओर कच्ची झोपड़ियों में अपने परिवार के साथ रहने वाले लोग, जो दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। वे भी पिछले कुछ दिनों से बेकार बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान का प्रकोप उन पर ही बरस रहा है, क्योंकि बारिश के कारण काम नहीं हो पा रहा है और ऊपर से छतों को देखकर हम प्रार्थना करते हैं कि इस बारिश को रोक दिया जाए।
मौसम विभाग की बात करें तो गुरु नगरी में बारिश रुकने की कोई उम्मीद नहीं लग रही है। सड़कों पर पानी जमा होने से सीवरेज सिस्टम भी अवरुद्ध हो गया है और शहर के लोगों को गंदे पानी से निकलकर अपने गंतव्य तक जाना पड़ रहा है। कई इलाकों में तो पानी इस कदर जमा हो गया है कि मक्खी-मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे इलाके के निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से न तो कोई सरकारी अधिकारी और न ही कोई कर्मचारी उनके इलाकों में पहुंचा है और न ही किसी तरह की दवा का छिड़काव किया गया है।
सचखंड श्री हरमंदिर साहिब आने वाली संगतों की संख्या यथावत बनी हुई है। पहले जहां लोग गर्मी के कारण दोपहर में अपने घरों से बाहर नहीं निकलते थे, वहीं अब पूरे दिन गुरु घर पर भक्तों का शोर रहता है।