Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Apr, 2021 06:23 PM
उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक और मानसिक तौर पर खत्म करने के लिए एक साजिश के तहत कैप्टन अमरिन्दर सिंह के आदेशों पर उनके......
तरनतारन(रमन): सीनियर अकाली नेता व पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को तरनतारन के सैशन कोर्ट ने आज 38 साल पुराने डॉक्टर सुदर्शन त्रेहन कत्ल केस में बरी कर दिया है। इस बहुचर्चित कत्ल केस में लगभग सवा दो साल पहले वल्टोहा के खिलाफ चालान पेश किया गया था। अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए विरसा सिंह वल्टोहा ने वाहिगुरू का शुकराना करते हुए कहा कि यह सत्य की जीत तथा झूठ की हार है।
उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक और मानसिक तौर पर खत्म करने के लिए एक साजिश के तहत कैप्टन अमरिन्दर सिंह के आदेशों पर उनके विरुद्ध दोबारा चालान पेश किया गया, जबकि इस केस में सैशन कोर्ट अमृतसर ने उन्हें 1991 में जमानत दे दी थी। बाद में संबंधित अदालत की ओर से उन्हें इस केस से डिसचार्ज कर दिया गया था। वल्टोहा ने बताया कि उन्हें इस केस में फंसाया गया था। इस केस की रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया से संबंधित उन पत्रकारों की रिपोर्टिंग पर दुख का प्रकटावा किया, जिन्होंने सच्चाई बयान करने की जगह तथ्यों के आधार पर गलत रिपोर्टिंग की।
वल्टोहा ने उन पक्षों की भी निंदा की, जो मानवीय अधिकारों और सिख युवकों के साथ सरकार द्वारा की जा रही ज्यादतियों के विरुद्ध लड़ने का दावा तो करती रही लेकिन आज सरकार का समर्थन कर रही हैं। उन्होंने खुद को पंथक जत्थेबंदियां कहलवाने वालों पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनके साथ हुई इस ज्यादती पर कोई नहीं बोला।
अंत में वल्टोहा ने कहा कि सिख कौम को लंबे समय से जेलों में बंद सिखों की रिहा करने के लिए गंभीरता से प्रयत्न करने चाहिएं। उन्होंने अपने वकीलों एडवोकेट जे.एस. ढिल्लों और एडवोकेट कंवलजीत सिंह बाठ का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने पारिवारिक सदस्यों की तरह उनके केस की पैरवी की।
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