Edited By Urmila,Updated: 03 Sep, 2024 11:27 AM
विजिलैंस ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने खुलासा किया कि यह गिरफ्तारी मोगा जिले के गांव दोधर के निवासी जगदीप सिंह की शिकायत की जांच के बाद की गई थी।
जालंधर/ चंडीगढ़: पंजाब विजिलैंस ब्यूरो द्वारा राज्य में शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान मोगा जिले के गांव डगरू में पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) के कार्यालय में तैनात सहायक लाइनमैन (ए.एल.) ने सोमनाथ को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
विजिलैंस ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने खुलासा किया कि यह गिरफ्तारी मोगा जिले के गांव दोधर के निवासी जगदीप सिंह की शिकायत की जांच के बाद की गई थी। शिकायत के अनुसार, जगदीप सिंह और उनके साथी डगरू और निधानवाला गांवों में दो ढाबे चला रहे थे, जहां उन पर कुल 1.50 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया था। शिकायतकर्ता ने विजिलैंस ब्यूरो से संपर्क किया और आरोप लगाया कि पी.एस.पी.सी.एल. डगरू के उपमंडल अधिकारी (एस.डी.ओ.) जरनैल सिंह उक्त ए.एल.एम. सोमनाथ के साथ उसके ढाबे पर आए और किश्तों में बकाया बिल का भुगतान करने के लिए 10,000 रुपए की रिश्वत ली।
शिकायतकर्ता ने कहा कि ए.एल.एम. सोमनाथ बाद में ढाबे पर आए और बिजली की आपूर्ति काट दी और 1,000 रुपए की रिश्वत लेने और बकाया बिल का तुरंत भुगतान करने के लिए कहने के बाद ही इसे फिर से जोड़ा। जब शिकायतकर्ता ने किश्तों में भुगतान करने का विकल्प मांगा, तो ए.एल.एम. सोम नाथ ने 13,000 रुपए की रिश्वत की मांग की और कहा कि इसमें से 10,000 रुपए एस.डी.ओ. को दिए जाएंगे, जबकि उसने शिकायतकर्ता से अपने लिए 3,000 रुपए लिए। शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम लेते समय ए.एल.एम. के साथ हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और लेन-देन के सबूत के तौर पर इसे विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया।
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